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सुनील भार्गव
स्वतंत्रता दिवस हम सभी के जीवन का महत्वपूर्ण दिवस है। 200 वर्षों की गुलामी के बाद बड़ी ही कठिनाई, यातनाएं और बलिदान के बाद यह आजादी हमें मिली है। इस आजादी की प्राप्ति में हजारों लोगों का बलिदान परोक्ष और अपरोक्ष रूप से रहा है। वर्ष 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ तब महिलाओं,पुरूषों एवं सभी समुदाय के लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। इस देश की सुरक्षा एवं प्रगति हम सभी का कर्तव्य है और यह काम सभी को मिलकर ही पूरा करना है और सतत करते रहना है। यह सोंच हमें 140 करोड़वासियों के जहन तक पहुंचाने की जरूरत है कि जिन्होंने आजादी दिला दी उन्होंने अपना कर्तव्य निभा दिया लेकिन अब हम वर्तमान मौजूदा पीढ़ी को इस आजादी को बचाना ही और संवारना भी है। देश को अशिक्षा, गरीबी एवं बेरोजगारी का खात्मा भी हम सभी को मिलकर करना है। मातृभूमि से प्रेम एवं सम्मान एवं तिरंगे के प्रति सम्मान हमें बचपन से ही स्कूल में बच्चों को सिखाना, पढ़ाना एवं कंठस्थ कराना होगा। बचपन में जो बच्चे एक विद्यार्थी के रूप में सीखते हैं वहीं उनके साथ ताउम्र रहता है। इसलिए देशभक्ति के विभिन्न रूपों के बारे में इन बच्चों के मस्तिष्क में हमें जानकारी देनी होगी तभी हमारा गणतंत्र मजबूत होगा तथा तिरंगा हमेशा शान से लहराता हुआ बलिदान की याद दिलाते हुए भविष्य की आधारशिला भी मजबूत करेगा।

हम देख रहे हैं कि कुछ लोग रास्ता भटक गए हैं। गलत राजनीति कर रहे हैं। गलत काम कर रहे हैं। समाज में साम्प्रदायिकता, अराजकता फैलाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों से हमें सावधान रहना होगा। केवल अच्छाई ही बुराई को पराजित कर सकती है। हमें सतत प्रयास करते रहना होगा कि भटके हुए लोग सही मार्ग पर आ जाएं और वे देश निर्माण के काम में लग जाएं। इन भटके हुए लोगों को रास्ते पर लाना ही होगा। मैं यह भी कहना चाहूंगा कि स्वतंत्रता दिवस सिर्फ स्मरण करने व उत्सव मनाने का ही दिन नहीं है बल्कि यह दिवस हमकों सदा प्रेरित करता है कि कि हम अपने राष्ट्र को और उंचाईयों तक ले जाएं एवं इस मातृभूमि की रक्षा का प्रण इस गीत को याद कर करते रहें ’’ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी’’।


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लेखक एवं प्रस्तुति
मध्यप्रदेश स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सेकेट्री जनरल एवं भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सुनील भार्गव