नम आंखों से याद किए गए राष्ट्रीय महानायक////Nitin Gadkari's Vision for Amrit Mahotsav Park Takes Shape: A Bird Habitat and Recreation Space Near Nagpur's Ring Road////राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर चिंता व्यक्त की////Ministry of Civil Aviation Participates in Special Campaign for Swachhataसंयुक्त राष्ट्र महासभा में ’’शरीफ हुए जलील’’////डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने विश्व बैंक के मार्टिन रायसर के साथ की बैठक//300 करोड़ डॉलर के व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने पर दिया जोर///बिम्स्टेक नेताओं की आगामी शिखर बैठक की तैयारी, जयशंकर ने की अध्यक्षता ///केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने पौधरोपण अभियान का नेतृत्व किया////-चिकित्सा व शिक्षा क्षेत्र मंे सतत निगरानी और सुधार की जरूरत////
Home | Latest Articles | Latest Interviews |  Past Days News  | About Us | Our Group | Contact Us

Detailed Discussion Forum
रामेश्वर शर्मा
15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाते वक्त मेरे मस्तिष्क में कई ऐतिहासिक गल्तियों से सम्बंधित विषय कौंध रहे हैं। आजादी की लड़ाई कोई एक दिन नहीं लड़ी गई बल्कि कई वर्षों तक इस लड़ाई को हमारे देश के लोगों ने लड़ा लेकिन जब आजादी पाई तो देश के अंदर से ही पाकिस्तान नामक राष्ट्र निर्माण कर दिया गया। जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं तो ठीक उसके एक दिन पहले पाकिस्तान अपनी स्वतंत्रता दिवस मनाता है जो मेरे लिए एक टीस है। आखिर देश के बंटवारे में कहां गलती हुई जिसका खामियाजा आज भी देश भुगत रहा है। अब यह गलती किसने की। मोहम्मद अली जिन्ना ने की या जवाहरलाल नेहरू ने इस विषय के बारे में सभी देशवासियों को पता है। लेकिन मेरा मानना है कि वह दिन वह जरूर आएगा जब लाहौर सहित पूरा पाकिस्तान भारत में होगा और यह दिन देश का स्वर्णिम दिन होगा।

मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आजादी हमें कागजों पर ही नहीं मिली बल्कि हजारों लोग इस आजादी की चाहत में शहीद हो गए। इस आजादी में असख्य लोगों का रक्त समाहित है। जलियाबाला बाग में जो नरसंहार अंग्रेजों ने किया उसे देश ना भूला है और ना ही भूल सकता है। लेकिन इसके बावजूद जो आजादी हमें मिली उस दिशा में हर देशवासी का यह कर्त्तव्य हो जाता है कि देश के विकास में वह अपना योगदान दे। देश के विकास में हर व्यक्ति के योगदान की देश को जरूरत है और सभी की इस दिशा में यह जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्त्तव्य को पूरी ईमानदारी के साथ निभाए।

इसी प्रकार मैं हर देशवासी से यह कहना चाहूंगा चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम,वह सिख हो इसाई लेकिन शहीदों के प्रति अपनी भावनाओं को कम ना होने दे। अगर एक हिंदू भले ही मंदिर ना जाए, एक मुस्लिम भले ही मस्जिद में नमाज ना पढ़ने जा पाए,एक सिख भले ही गुरूद्वारे में अरदास ना कर पाये और एक इसाई चर्च में प्रार्थना में हिस्सा ना ले पाए लेकिन शहीदों की स्मृति में उनके स्थलों पर जाकर शीश नवाए और तिरंगे को अवश्य ’सैल्यूट’ करे। इस तिरंगे में जो रंग हैं वही रंग हमारी आजादी की वास्तविकता भी बताते हैं और हमें हमारे कर्तव्य भी याद दिलाते हैं। सभी देशवासियों को अपने इस राष्ट्रीय पर्व पर अग्रिम बधाई एवं देश सहित सभी की प्रगति की शुभकामनाएं।
-------------
लेखक एवं प्रस्तुति
मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रोटेम स्पीकर एवं भोपाल-हुजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामेश्वर शर्मा