मध्यप्रदेश के दमोह-कटनी प्रादेशिक राजमार्ग पर देहात थाना क्षेत्र में बीते दिवस एक सड़क दुर्घटना में ट्रक चालक द्वारा नियम अवहेलना के साथ लापरवाही, दूसरी तरफ आटो चालक का अति-आत्मविश्वास तथा सवारियों की अज्ञानता ही आठ लोगों की मौत और दो लोगों के घायल होने के अलावा अन्य कोई आरंभिक कारण नजर नहीं आता है। प्रदेश सरकार के मुखिया डा.मोहन यादव ने मृतकों एवं घायलों के प्रति संवेदना तथा आर्थिक मदद की घोषणा कर मानवीयता का तो परिचय दिया है लेकिन इस दुर्घटना एवं मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है इस प्रश्न पर अभी तक सरकारी स्तर पर कोई बयान सामने नहीं आया है। प्रथम दृष्टया यह बात स्पष्ट हो जाती है कि इन मौतों के लिए ट्रक चालक, आटो चालक और जो सवारियां इस आटो में बैठी थी सभी जिम्मेदार हैं। ट्रक चालक इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वह शराब पीकर मदहोशी की हालत में ट्रक चला रहा था। इसी प्रकार आटो चालक इसलिए जिम्मेदार है कि एक आटो में तीन या चार ही लोग सवारियों के रूप में बैठ सकते हैं। अंतिम जिम्मेदारी सबसे अधिक उन हताहतों की भी है जिन्होंने इस आटो में निर्धारित तीन से चार यात्रियों के बैठने के नियमों को नजरअंदाज किया।
जो कारण प्रथम दृष्टया सामने आए हैं वह इस तथ्य को सार्वजनिक करने के लिए काफी हैं कि हमारी प्रदेश और कंेद्र सरकार यातायात की सुगमता के लिए धड़ाधड़ सड़कों का निर्माण तो करती जा रही है लेकिन सरकार के अधिकारी और कर्मचारी जिन पर सड़कांे और उन पर चलने वाले वाहनों के निगरानी की जिम्मेदारी है नियमों का पालन करने और करवाने में असफल ही साबित होते रहे हैं। यही कारण रहे हैं कि सड़कों पर एक के बाद एक मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। जैसा कि ट्रक ड्रायवर ने काफी शराब पी हुई थी तो इस मार्ग पर वन विभाग, पुलिस विभाग सहित अनेकानेक जांच चौकियां जरूर रही होंगी तो इन चौकियों से यह ट्रक ड्रायवर मदहोशी की हालत में ट्रक को चलाते हुए कैसे निकल गया..? इसी प्रकार एक आटो जिसमें यात्रियों को बिठाने की निश्चित संख्या निर्धारित है उसने कैसे 10 लोगों से अपने आटो को भर लिया...? जब यह आटो दमोह-कटनी मार्ग से गुजरा होगा तो निश्चित तौर पर पुलिस की जांच चौकी से उसका सामना हुआ होगा तो वहां पर इस आटो चालक को रोक कर कार्रवाई क्यों नहीं की गई..? आखिरी में इन मौतों का जिम्मेदार वह गुप्ता परिवार भी है जिसने कुल 10 लोगों को एक आटो में भरकर एक मिनी बस के रूप में तब्दील कर अति उत्साह का परिचय दिया।
अंत में इस दुर्घटना को लेकर निष्कर्ष यही है कि भविष्य में अब जिस भी वाहन से दुर्घटना का कारण स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा हो उसके लिए संबंधित चालक और वाहन स्वामी को जिम्मेदार मानकर मृतकों को मुआवजा राशि मिलनी की व्यवस्था कानूनन होनी चाहिये। इसी प्रकार जो ट्रक संचालनकर्ता हैं उन्हें भी अपने चालकों एवं अन्य कर्मियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सख्त करनी होगी। इसी क्रम में जितने भी यात्री वाहन हैं उनकी सतत जांच एवं सम्बंधित सड़क सुरक्षाकर्मियों को भी जिम्मेदार बनाना होगा क्योंकि सरकारें सड़कों का निर्माण अगर कर रही है तो यातायात के लिए ना कि दुर्घटना के लिए। अंत में जो सबसे बड़ी जिम्मेदारी है वह है लोगों की। लोग अर्थात यात्री उन वाहनों में कतई यात्रा ना करें जो ओवरलोडेड की जाती हैं।
(updated on 25th sept 24)
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