पीएम मोदी ने देश को समर्पित किया तीन सुपर कंप्यूटर परम रुद्र-अब देश में सुपर कम्पयूटर चंद पल में देगा विषम जानकारी//////सियाचीन पहुंची राष्ट्रपति,मनोबल बढ़ाया देश के रक्षकांे का///सडक और पुलों के निर्माण में कचरे का उपयोग करेंगे हम-गडकरी///मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल से चर्चा में शामिल हुईं बुरहानपुर की डीएम भव्या///-मानवीय सरकारी मदद जरूरी पर जिम्मेदारों से ही हो वसूली///सेल अग्रणी रहने का प्रयास जारी रखेगारू सेल अध्यक्ष///आयुष मंत्री ने स्वच्छता ही सेवाश् अभियान की समीक्षा की////कृषि एवं किसान कल्याण सचिव डॉ. देवेश ने खाद्य कार्यक्रम समिति की अध्यक्षता की////-अनचाहे संदेशों से उपभोक्ताओं को बचाने ट्राई ने लगाई कठोर शर्तें //////
Home | Latest Articles | Latest Interviews |  Past Days News  | About Us | Our Group | Contact Us

 8 लोगों की मौत लापरवाही एवं नियम अवहेलना का परिणाम है

लेखक : SHEKHAR KAPOOR


 

 
 मध्यप्रदेश के दमोह-कटनी प्रादेशिक राजमार्ग पर देहात थाना क्षेत्र में बीते दिवस एक सड़क दुर्घटना में ट्रक चालक द्वारा नियम अवहेलना के साथ लापरवाही, दूसरी तरफ आटो चालक का अति-आत्मविश्वास तथा सवारियों की अज्ञानता ही आठ लोगों की मौत और दो लोगों के घायल होने के अलावा अन्य कोई आरंभिक कारण नजर नहीं आता है। प्रदेश सरकार के मुखिया डा.मोहन यादव ने मृतकों एवं घायलों के प्रति संवेदना तथा आर्थिक मदद की घोषणा कर मानवीयता का तो परिचय दिया है लेकिन इस दुर्घटना एवं मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है इस प्रश्न पर अभी तक सरकारी स्तर पर कोई बयान सामने नहीं आया है। प्रथम दृष्टया यह बात स्पष्ट हो जाती है कि इन मौतों के लिए ट्रक चालक, आटो चालक और जो सवारियां इस आटो में बैठी थी सभी जिम्मेदार हैं। ट्रक चालक इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वह शराब पीकर मदहोशी की हालत में ट्रक चला रहा था। इसी प्रकार आटो चालक इसलिए जिम्मेदार है कि एक आटो में तीन या चार ही लोग सवारियों के रूप में बैठ सकते हैं। अंतिम जिम्मेदारी सबसे अधिक उन हताहतों की भी है जिन्होंने इस आटो में निर्धारित तीन से चार यात्रियों के बैठने के नियमों को नजरअंदाज किया।

जो कारण प्रथम दृष्टया सामने आए हैं वह इस तथ्य को सार्वजनिक करने के लिए काफी हैं कि हमारी प्रदेश और कंेद्र सरकार यातायात की सुगमता के लिए धड़ाधड़ सड़कों का निर्माण तो करती जा रही है लेकिन सरकार के अधिकारी और कर्मचारी जिन पर सड़कांे और उन पर चलने वाले वाहनों के निगरानी की जिम्मेदारी है नियमों का पालन करने और करवाने में असफल ही साबित होते रहे हैं। यही कारण रहे हैं कि सड़कों पर एक के बाद एक मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। जैसा कि ट्रक ड्रायवर ने काफी शराब पी हुई थी तो इस मार्ग पर वन विभाग, पुलिस विभाग सहित अनेकानेक जांच चौकियां जरूर रही होंगी तो इन चौकियों से यह ट्रक ड्रायवर मदहोशी की हालत में ट्रक को चलाते हुए कैसे निकल गया..? इसी प्रकार एक आटो जिसमें यात्रियों को बिठाने की निश्चित संख्या निर्धारित है उसने कैसे 10 लोगों से अपने आटो को भर लिया...? जब यह आटो दमोह-कटनी मार्ग से गुजरा होगा तो निश्चित तौर पर पुलिस की जांच चौकी से उसका सामना हुआ होगा तो वहां पर इस आटो चालक को रोक कर कार्रवाई क्यों नहीं की गई..? आखिरी में इन मौतों का जिम्मेदार वह गुप्ता परिवार भी है जिसने कुल 10 लोगों को एक आटो में भरकर एक मिनी बस के रूप में तब्दील कर अति उत्साह का परिचय दिया।

अंत में इस दुर्घटना को लेकर निष्कर्ष यही है कि भविष्य में अब जिस भी वाहन से दुर्घटना का कारण स्पष्ट तौर पर नजर आ रहा हो उसके लिए संबंधित चालक और वाहन स्वामी को जिम्मेदार मानकर मृतकों को मुआवजा राशि मिलनी की व्यवस्था कानूनन होनी चाहिये। इसी प्रकार जो ट्रक संचालनकर्ता हैं उन्हें भी अपने चालकों एवं अन्य कर्मियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी सख्त करनी होगी। इसी क्रम में जितने भी यात्री वाहन हैं उनकी सतत जांच एवं सम्बंधित सड़क सुरक्षाकर्मियों को भी जिम्मेदार बनाना होगा क्योंकि सरकारें सड़कों का निर्माण अगर कर रही है तो यातायात के लिए ना कि दुर्घटना के लिए। अंत में जो सबसे बड़ी जिम्मेदारी है वह है लोगों की। लोग अर्थात यात्री उन वाहनों में कतई यात्रा ना करें जो ओवरलोडेड की जाती हैं।
(updated on 25th sept 24)