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राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक समान टोल नीति हो सकती है लागू
सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को राहत देने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक समान टोल नीति पर काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने खुद ये बयान दिया है। नितिन गडकरी ने कहा, श्राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों को राहत देने के लिए सरकार एक समान टोल नीति पर काम कर रही है।श् गडकरी ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में दिया है। उन्होंने कहा कि हम एक समान टोल नीति पर काम कर रहे हैं। इससे यात्रियों को होने वाली समस्या का समाधान मिलेगा। उन्होंने ये भी कहा कि अब भारत के राजमार्ग का बुनियादी ढांचा अमेरिका से मेल खाता है।

नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय सोशल मीडिया पर यात्रियों द्वारा की गई शिकायतों को बहुत गंभीरता से ले रहा है और इसमें शामिल ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। वर्तमान में, जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगभग 60 प्रतिशत यातायात निजी कारों का है, इन वाहनों से टोल राजस्व का हिस्सा मुश्किल से 20-26 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि राजमार्गों पर टोल शुल्क में वृद्धि हुई है, जबकि पिछले 10 वर्षों में अधिक से अधिक हिस्से टोलिंग प्रणाली के अंतर्गत आ गए हैं, जिससे अक्सर उपयोगकर्ताओं का असंतोष बढ़ रहा है। 2023-24 में भारत में कुल टोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है।

2019-20 में कलेक्शन 27,503 करोड़ रुपये था। राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी उपयोगकर्ता शुल्क प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 और संबंधित रियायत समझौते के प्रावधान के अनुसार स्थापित किए गए हैं। नितिन गडकरी ने विश्वास व्यक्त किया कि चालू वित्तीय वर्ष में, राजमार्ग मंत्रालय वित्तीय वर्ष 2020-21 में 37 किमी प्रति दिन राजमार्ग निर्माण के पिछले रिकॉर्ड को पार कर जाएगा। चालू वित्त वर्ष में अब तक लगभग 7,000 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया गया है।(updated on 3rd February 25)
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