###All Party Meeting: Leaders Across Party Line Endorse Actions Taken Against Pakistan Post Pahalgam Attack ###Sustained Cross-Border Terror": India Writes To Pak On Halting Indus Treaty ###Full Support For Any Action": Rahul Gandhi After All-Party Meet On Pahalgam ###इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी से की बात, इन देशों के प्रमुखों ने भी किया फोन ###पहलगाम हमले में किया पाकिस्तान का बचाव, असम में MLA देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार, ###perpetrators will be given a punishment beyond imagination-Modi ###केंद्रीय मंत्री पर भड़कीं पहलगाम हमले के मृतक की पत्नी:बोलीं- आप लोग जनता के टैक्स से हेलिकॉप्टर पर घूमते हैं ###CWC Strongly Condemns Pahalgam Terror Attack Masterminded By Pakistan ### Nadda launches National Zero Measles-Rubella Elimination Campaign ###India’s Underground Coal Mining Gets a Major Boost ###Union Minister Dr. Mansukh Mandaviya Launches Issuance of Sports Certificates via DigiLocker ###शहबाज शरीफ बोले- पानी रोकना जंग जैसा माना जाएगा, एयरस्पेस बंद ###Steel has played skeleton like role in the modern economies of the world: PM ###India Achieves Breakthrough in Gene Therapy for Haemophilia, Dr. Jitendra Singh Reviews BRIC-inStem Trials
Home
|
Latest Articles
|
Latest Interviews
|
About Us
|
Our Group
|
Contact Us
छठ पूजा तक रेलवे के
लिए हर क्षण नाजुक है
लेखक :
SHEKHAR KAPOOR
हमारे देश में तीज-त्यौहार प्रायः पूरे साल भर मनाये जाते हैं। त्यौहार से लेकर राष्ट्रीय उत्सव तो कभी विभिन्न विभूतियों के स्मरण एवं अवसान दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम। इस क्रम में दीपावली का पर्व सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व तो रखता ही है लेकिन इसके साथ ही यह पर्व हर घर को आपस में जोड़ने के साथ ही पारावारिक और सामाजिक रिश्तों को भी मजबूत करने का काम करता है। इस त्यौहार की प्रासंगिकता के संदर्भ में हम भारतीय रेलवे को विशेष रूप से जोड़ रहे हैं क्योंकि दीपावली के आरम्भ होने और उसके बाद करीब 5 दिन बाद तक भारतीय रेलवे करोड़ों लोगों के रिश्तों को रिश्तों से मिलाने का काम भी विशेष रूप से करता है। अमूमन जितने रेल यात्री प्रतिदिन भारतीय रेलवे के माध्यम से यात्रा करते हैं उनके मुकाबले इन दिनों में यात्रियों की संख्या चार से पांच गुना अधिक हो जाती है। भारतीय रेलवे ’रिश्तों की लाइफ लाइन’’ है का शब्द प्रयोग किया जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
त्यौहार और रेलवे को लेकर आज हम सावधानी जैसे विषयांे पर इस वक्त चर्चा करना बहुत जरूरी है। रेलवे को इस सच्चाई को समझने का काम करना होगा कि भारत की अधिकांश आबादी का एक बड़ा भाग बल्कि करीब 80 प्रतिशत हिस्सा आज भी रेलवे के माध्यम से अपने गंतव्य के लिए इस संसाधन का उपयोग आवागमन के लिए करता है। जिन लोगों के पास प्रचुर या अनुपयुक्त धन है उनके लिए हवाई मार्ग हमेशा खुला रहता है.,बस जितना बढ़ा किराया हवाई कंपनियां मांगती हैं त्यौहारों के वक्त देने वाले अपनी-अपनी जेबें खोल देते हैं। इसी क्रम में कम दूरी वाले मार्गों पर सड़क परिवहन भी आम जनता का एक माध्यम है लेकिन विश्वसनियता, तीव्रता, घर पहुंचेंगे ही और वाजिब किराये को लेकर देश की करोड़ों लोगों के लिए भारतीय रेलवे आज आशा की किरण है। इसके संदर्भ में अब बात आती है सुविधाओं और जिम्मेदारियों की। हम देखते हैं कि सुपरफास्ट, वंदे् भारत तथा शताब्दी जैसी ट्रेनों के अलावा जो अन्य सुपरफास्ट, एक्सप्रेस तथा सामान्य ट्रेनें हैं और जिनमें आम आबादी यात्रा करती है उसके संदर्भ में त्यौहारों के वक्त विशेष निगरानी की जरूरत है। उदाहरण के रूप में किसी भी रेलवे स्टेशन पर आखिर एक यात्री एक सीमा से अधिक अपना सामान क्यों ले जाता है...? आखिर क्यों रेलवे प्लेटफार्म टिकटों की अनिवार्यता को आम जनमानस अनिवार्य नहीं समझ पा रहा है..? इसी प्रकार त्यौहारों के मौके पर अतिरिक्त ट्रेनों के साथ ही नियमित ट्रेनों के डिब्बों की संख्या को बढ़ाने की जरूरत पर विशेष महत्व दिया जा सकता है। इसी क्रम में रेलवे के एफओबी पर अगर क्षमता से कई गुना यात्री भर जाएं तो एफओबी पर दुर्घटना टालने या सावधानी रखने जैसे विषय क्यों नजरअंदाज कर दिये जाते हैं..? रेलवे स्टेशनों पर प्रवेश एवं निकास द्वारों की संख्या भी त्यौहारों के मौके पर बढ़ाने पर विचार करने के साथ ही सामान की जांच अर्थात सिक्यूरिटी जांच जैसे विषयों को भी जल्दबाजी का माध्यम बनाकर एक संभावित दुर्घटना को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। इसी प्रकार रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर खाद्य एवं पेय पदार्थों जैसे विषय नजरअंदाज नहीं किए जाने चाहिएं।
हम यह स्पष्ट दें कि हम रेलवे की आलोचना नहीं बल्कि उसकी दक्षता के भी कायल हैं। और उसकी कार्यक्षमता को और अधिक मजबूती के साथ देखना चाहते हैं। आज अधिकांश ट्रेंने समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचती हैं लेकिन जब बिहार और उत्तरप्रदेश से जाने वाले और आने वाले यात्रियों की बात आती है तो भारतीय रेलवे की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिंह लगने लगते हैं। इन दोनों राज्यों के सबसे अधिक यात्री रेलवे का उपयोग त्यौहारों और विशेषकर दीपावली तथा छठ पर्व के दौरान करते हैं। इस दौरान अधिकांश घटनाएं और दुर्घटनाएं भी होती हैं। हमारी यही भावना हैं कि रेलवे को इन दोनों राज्यों के बारे में विशेष ध्यान देने के साथ ही अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक निखारने तथा संवारने की जरूरत है। हालांकि वंदे् भारत ट्रेनों की संख्या और तीव्रता आज हवाई जहाजों को टक्कर दे रही है। हम बस यही चाहते हैं कि रेलवे स्टेशनों की सुविधाओं और सावधानी की तुलना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डांे से की जाए तथा रेलवे इस तुलना में बाजी मारे।(UPDATED ON 27TH OCTOBER 24)