नाबार्ड प्रोजेक्ट के अंतर्गत मिट्टी रहित कृषि तकनीकी का प्रशिक्षण
|
|
|
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), मध्यप्रदेश के वित्तीय सहयोग से मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में पर्यावरण शिक्षा एवं संरक्षण समिति, गौरी महादेव जनकल्याण समिति के सहयोग से हाइड्रोपोनिक परियोजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनपुरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले 60 महिला किसानो के साथ संचालन किया जा रहा है। नाबार्ड द्वारा यह पहल महिला किसानों को हाइड्रोपोनिक खेती की आधुनिक तकनीकों से
परिचित कराते हुए उनकी कृषि उत्पादकता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है।
इस परियोजना के अंतर्गत मिट्टी रहित कृषि का तकनीकी प्रशिक्षण गौरी महादेव जनकल्याण समिति के 60 महिला सदस्यों को दिया गया जिसमे तकनीकी विशेषज्ञ धर्मेन्द्र चौधरी ने मिट्टी रहित कृषि के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और बताया की संरक्षित संरचना में इस आधुनिक खेती को आसानी से किया जा सकता है और यह पारंपरिक कृषि से भिन्न है जिसे तकनीकी माध्यम से किया जाता द्य समूह मजबूतीकरण के बारे संवेदना संस्था के कमल बामनिया द्वारा सभी महिला किसानो को जानकारी प्रदान की गयी द्य जिसमे महिलाओं को समूह मजबूतीकरण के बारे में समझाया गया।
इस प्रशिक्षण के दौरान दर्शन सिंह जादौन, अध्यक्ष, गौरी महादेव जनकल्याण समिति विदिशा, आनंद पटेल, अध्यक्ष, पर्यावरण शिक्षा एवं संरक्षण समिति, भोपाल, मुकेश जादौन, युवराज जादौन, देवेन्द्र कुमार (टेक्निकल एक्सपर्ट), लीलाधर कुशवाह (फैसिलिटेटर), बलराज सिंह (फोटोग्राफर) और 6 महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य उपस्थित रहीं।
इस आधुनिक हाइड्रोपोनिक परियोजना को गौरी महादेव जनकल्याण समिति, विदिशा के अंतर्गत 6 महिला स्वयं सहायता समूहों की 60 महिला किसानों द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमे 30-30 महिला सदस्य प्रत्येक यूनिट को सामूहिक रूप से संचालित करेगी। हाइड्रोपोनिक खेती आधुनिक कृषि की एक उन्नत तकनीक है, जिसमें संरक्षित संरचनाओं में बिना मिट्टी के उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाई जाती हैं। इसमें पोषक तत्वों को पानी में घोलकर सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। इस तकनीक से फसल चक्र का समय घटता है, पानी की खपत कम होती है और कीटों का प्रकोप भी न्यूनतम रहता है।
(UPDATED ON 13TH JANUARY 25)
|
|