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बुजुर्गों के हालात पर भावुक हो संजीदा
मिलने चाहिये आवास, वरिष्ठ नागरिक देखभाल स्थिति रिपोर्ट जारी की
बुजुर्गों के हालात पर भावुक हो संजीदा हुआ नीति आयोग

नयी दिल्ली -नीति आयोग जिसे सरकारी थिंक टैंक के तौर पर भी जाना जाता है, ने कहा कि सीनियर सिटीजन या बुजुर्गों के लिए आवासीय स्कीम पर काम करने की जरूरत है। नीति आयोग को साल 2050 तक देश में सीनियर सिटीजन की आबादी 19.5 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में बुजुगों के लिए अभी से ध्यान देना बेहद जरूरी है। आयोग ने भारत में वरिष्ठ देखभाल सुधार -वरिष्ठ देखभाल प्रतिमान की पुनर्कल्पनाश् टाइटल वाली एक रिपोर्ट में, कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को सेवाओं तक आसान पहुंच उपलब्ध करने के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया जाना चाहिए। चूंकि भारत में सामाजिक सुरक्षा ढांचा सीमित है, इसलिए ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक अपनी बचत से जेनरेट इनकम पर निर्भर हैं। बदलती हुई ब्याज दरों के चलते उनकी आय में कमी आती है, कभी-कभी तो यह जीविका के लेवल से भी नीचे चली जाती है।

रिपोर्ट के अनुसार वरिष्ठ देखभाल उत्पादों को अपनाने में आसानी बढ़ाने और बुजुर्ग आबादी को वित्तीय बोझ से बचाने के लिए कर और जीएसटी सुधार आदि की जरूरत है। जनसंख्या की उम्र बढ़ना एक वैश्विक घटना है, और दुनिया भर में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। रिपोर्ट में बुजुर्गों की गैर-वहन श्रेणी को उनकी सुविधाओं में प्रदान की जाने वाली देखभाल के लिए राष्ट्रीय निधि में योगदान के रूप में सीएसआर फंड निर्धारित करने का भी आह्वान किया गया है। भारत में 75 प्रतिशत से अधिक बुजुर्ग पुरानी बीमारियों से पीड़ित हैं और ये आंकड़े भारत में घर-आधारित देखभाल बाजार की क्षमता का संकेत देते हैं।

इस रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के. पॉल, सीईओ बी वी आर सुब्रमण्यम और सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव सौरभ गर्ग की उपस्थिति में जारी किया गया। सुश्री एल.एस.चांगसन, एएसएंडएमडी, स्वास्घ्थ्घ्य और परिवार कल्घ्याण मंत्रालय राजीब सेन, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग, सुश्री मोनाली पी. धकाते, संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग और सुश्री कविता गर्ग, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय भी लॉन्च के अवसर पर उपस्थित रहे।
(updated on 19th feb 24)