’’मैं हूं मोदी का परिवार’’-भाजपा का भावनात्मक ’’चौका’’/////रक्षा-उत्पादन क्षेत्र को बना रहे हैं आत्मनिर्भर-राजनाथ सिंह //// मोदी ने तेलंगाना में 56 हजार करोड़ रुपये की विकास-परियोजनाओं का शुभारंभ किया/////मेडिकल छात्रों और मेडिकल/गैर मेडिकल सलाहकारों के एक समूह ने राष्ट्रपति सेमुलाकातकी///////विवेक भारद्वाज ने रांची, झारखंड में दूसरे क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया//////भाजपा की दूसरी लिस्ट कल आ सकती है//////-संपादकीय--’’कानून’ शब्द पर विधायिका व न्यायपालिका से उम्मीदें हैं/////

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-संपादकीय---मुस्लिम देश आखिर भारत को क्यों महत्व दे रहे हैं..?



आखिर क्या कारण है कि इस वक्त विकसित और विकासशील मुस्लिम देश जहां इस्लाम का परचम लहराता है वो भारत को गले लगा रहे हैं और तमात तरह की सुविधाएं भी अपने-अपने देश में दे रहे हैं..? आखिर क्या कारण है कि कतर जैसे देश ने मौत के मुंह में जा चुके आठ भारतीय पूर्व नौसैनिकों को मिली मौत की सजा से मुक्त कर भारत को भेज दिया..? आखिर क्या कारण है कि यही मुस्लिम देश इस वक्त कट्टर देशों पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान को महत्व नहीं दे रहे हैं..? क्या कारण है कि चीन जैसे देश को ये विकसित मुस्लिम देश पसंद नहीं कर करते हैं या कर रहे हैं..? आखिर क्या कारण है कि संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में वहां के शासक ने भव्य मंदिर बनाने के लिए निःशुल्क जमीन और सुविधाएं दीं...?

इस विषय को हम भारतीय संदर्भ में उठा रहे हैं। इस विषय को हम इसलिए भी उठा रहे हैं कि पिछले छह दशकों के अधिक समय के दौरान कतर तथा संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने भारत के साथ अपनी मित्रता को क्यों मजबूत नहीं किया तथा क्या कारण रहे कि जब भी हिंदुस्तान में मुस्लिम तथा हिंदुओं के बीच विवाद या हिंसा हुई उस वक्त ये मुस्लिम देश भारत के खिलाफ रहे..? आखिर क्या कारण है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के दौरान इन मुस्लिम देशों ने भारत सरकार की आलोचना क्यों नहीं की..? भारत में इस्लाम का झंडा बुलंद करने वालों अथवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को हमेशा विरोध की नजर से देखने वाले मुस्लिम धर्मगुरूओं अथवा नेताओं के साथ ये मुस्लिम देश क्यों खड़े नहीं हुए..? आखिर क्या कारण रहे कि विरोधी पार्टियों के नेता और मोदी से हमेशा खफा रहने वाले नेता जब इन देशों में पहुंचकर मोदी सरकार के खिलाफ अपनी बात कहते रहे तो उस पर क्यों उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी अथवा मोदी के खिलाफ हुए..?

हम इस विषय को सकारात्मक रूप से भारतीय मुस्लिमों के दृष्टिकोण को सामने रखने का एक प्रयास कर रहे हैं। सर्वज्ञात है कि भारतीय मुस्लिम इसी देश की संतान हैं। इस बात से इस देश की वर्तमान सरकार ने जो भी केंद्रीय योजनाएं देश के गरीब तथा सर्वहारा वर्ग के लिए घोषित कीं उनमें कहीं भी मुस्लिमों के साथ भेदभाव दिखाई नहीं पड़ता है। इसी प्रकार उत्तरप्रदेश जैसे राज्य से जहां से दिल्ली की सत्ता में पहुंचने का रास्ता खुलता है पिछले चार साल के दौरान कोई बड़ा दंगा वहां नहीं हो पाया। विश्व के विकसित यूरोपियन तथा इस्लमाी राष्ट्र भारत को जो महत्व दे रहे हैं उसके पीछे मुख्य कारण यही है कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है तथा सभी के विकास की भावना वर्तमान समय में विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत में अब मुस्लिमों को वोट बैंक ना माना जाकर मुख्य धारा से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। आज यहां का मुस्लिम लगातार प्रगति कर रहा है और अपने हिंदू भाईयों के साथ कदमताल करते हुए मुल्क की तरक्की में अपनी भूमिका निभा रहा है। मुस्लिम महिलाओं को तमाम वो अधिकार मिले हैं जिनसे वो आजादी के बाद से दूर थीं। उद्योग तथा व्यवसाय में मुस्लिम अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। राष्ट्रीय मुख्यधारा से भी बड़ी संख्या में मुस्लिम वर्तमान समय में जुड़ रहे हैं।

हमने इस विषय को हिंदुस्तानी मुस्लिमों के सुनहरे भविष्य के संदर्भ में उठाया है। हम चाहते हैं कि हर हिंदुस्तानी मुस्लिम तरक्की करे तथा अपराध की दुनिया में पाकिस्तान ने जो नाम हिंदुस्तानी मुसलमानों का बदनाम किया है उससे वो दूर रहें। इसी प्रकार उन ऐतिहासिक गल्तियों को आज का भारतीय मुस्लिम सुधार सकता है जो कि आज से 500 या हजार साल पहले विदेशी मुस्लिम आक्रांताओं ने भारत में हमले कर की थीं। उस वक्त उनकों आबादी की जरूरत थी इसलिए उन्होंने कट्टरता को जन्म दिया लेकिन आज वो हालात नहीं हैं। अब उन ऐतिहासिक गल्तियों को सुधारा जा सकता है और हम उम्मीद करते हैं कि विश्व परिदृश्य में भारतीय मुसलमान और अधिक परिपक्वता दिखाते हुए बातचीत के माध्यम से उन लंबित विषयों को हल करेंगे। वर्तमान में यह समय भारतीय मुसलमानों के लिए भी सहयोग, अपनत्व, त्याग जैसे विषयों के लिए स्वर्णिम समय है जिसका सकारात्मकता के माध्यम से लाभांश उठाने में विलम्ब नहीं होना चाहिये।
(UPDATED 14TH FEB 24)