-धर्म प्रसार नहीं बल्कि मानवीयता और प्रगति पर ध्यान देना प्रमुख//////////मोदी सख्त नेगोशिएटर और मुझसे कहीं बेहतर नेगोशिएटर-ट्रम्प////////-ट्रम्प ने कहा भारत ’ग्रेट’, मोदी ने कहा अमेरिका भी////शाह ने देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की //////////नवनीत सहगल ने महाकुंभ कवरेज पर कुंभवाणी स्टेशन की प्रशंसा की////सावित्री ठाकुर ने न्यूयॉर्क में जमैका के दल से की मुलाकात /////जम्मू-कश्मीर में राजमार्गों के विकास पर 29 हजार करोड़ खर्च //////////राहुल और कांग्रेस से इतर शशि थरूर ने मोदी की अमेरिकी यात्रा की सराहना की //////////
Home | Latest Articles | Latest Interviews |  Past Days News  | About Us | Our Group | Contact Us

Detailed Story
केंद्रीय मंत्री कुरियन ने जलीय जीव रोग-संगोष्ठी का उद्घाटन किया
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) कन्वेंशन सेंटर, पूसा परिसर, नई दिल्ली में आयोजित श्जलीय जीव रोगरू उभरती चुनौतियां और तैयारियांश् विषय पर संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस संगोष्ठी का आयोजन 14वें एशियाई मत्स्य पालन और जलीय कृषि मंच (14एएफएएफ) के हिस्से के रूप में किया गया है। श्री कुरियन ने इस अवसर पर संगोष्ठी के आयोजन में आईसीएआर की पहल की सराहना की और जलीय कृषि में पोषण और जैव सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए एक पृथ्वी -एक परिवार दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में खाद्य सुरक्षा, आजीविका और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थायी जलीय कृषि पद्धतियां महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के तहत किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन में निरंतर अनुसंधान और नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया।

डॉ. जे.के. जेना, डीडीजी (मत्स्य विज्ञान), आईसीएआर और संगोष्ठी के संयोजक, ने इस आयोजन के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया और भारत सरकार तथा एशिया प्रशांत में जलीय कृषि केंद्रों के नेटवर्क को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। मत्स्य पालन और पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त सचिव सागर मेहरा ने अपने संबोधन में आजीविका और अर्थव्यवस्था को सहारा देने में मत्स्य पालन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी डॉ. बी.के. बेहरा ने भारत में मत्घ्स्घ्य रोग निगरानी कार्यक्रमों को संस्थागत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि व्यवस्थित रोग निगरानी, घ्घ्प्रारंभिक पहचान और प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।

डॉ. एडुआर्डाे लीनो, एनएसीए, थाईलैंड ने वर्ष 1990 से 20 देशों में संचालित और पांच प्रमुख रोग निगरानी कार्यक्रमों का नेतृत्व करने वाले एनएसीए के मिशन के बारे में जानकारी दी। इससे पहले आईसीएआर-सीआईएफआरआई के निदेशक डॉ. बी.के. दास ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें जलीय कृषि की प्रगति और रोग प्रबंधन को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डाला गया। आईसीएआर- सीआईएफए के निदेशक डॉ. पी.के. साहू ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।(UPDATED ON 13TH FEBRUARY 2025)
-----------