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 -हिन्दुत्व की विचारधारा के गूढ़ तत्वों को समझना बेहतर होगा

लेखक : SHEKHAR KAPOOR


 

 
 हिन्दुत्व की विचारधारा लेकर भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय एवं राज्यों की सत्ता में लगातार अपना वर्चस्व साबित किए हुए है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी यह नहीं कहा कि भारत को मैं हिंदू राष्ट्र बनाना चाहता हॅू। भाजपा को उनका स्पष्ट संदेश है कि हिन्दुत्व की जो विचारधारा है उसमें समानता, एकता, सद्भाव, सम्मान, सहायता, सहयोग और शांति के साथ सम्भाव तथा सभी का विकास किया जाए। भाजपा से कई आनुषांगिक संगठन जुड़े हुए हैं जो कि समय-समय पर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात या मांग करते हैं लेकिन यह सत्य है कि ये संगठन सिर्फ आवाजें तो गुंजा सकते हैं लेकिन राजनीतिक रूप से केंद्र सरकार के मुख से देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के शब्द नहीं निकलवा सकते क्योंकि कोई भी
लोकतांत्रिक देश की सरकार सिर्फ आंतरिक विषयों को लेकर ही संचालित नहीं होती है बल्कि उसमें अंतरराष्ट्रीय विषय भी शामिल होते हैं। चूंकि देश को गणतंत्र के विधान और नियम के अनुसार चलना है इसलिए हिटलरशाही जैसा वाक्य प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के प्रति व्यक्त करना देश के विपक्ष के लिए उचित नहीं है। कल ही प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम देश ब्रुनेई की अपनी यात्रा पूरी की और इसके पहले भी वह कई मुस्लिम देशों की यात्रा के माध्यम से देश और संपूर्ण स्वदेशी विपक्ष को संदेश प्रवाहित कर चुके हैं कि हमारी विचारधारा निश्चित रूप से हिंदुत्व के सिद्धांतों का अनुसरण करती है लेकिन देश में मौजूद अन्य धर्मों जिनमें इस्लाम एवं क्रिश्चियनिटी सहित कई धर्म हैं उनके प्रति पूरी आस्था एवं सम्मान है। यह सत्य है कि व्यक्तिगत स्तर पर मोदी भले ही भारतीय मुस्लिम कट्टरपंथियों के बीच इस्लाम के विरोधी हों लेकिन आम भारतीय मुस्लिम जनमानस को इस सत्य को समझना जरूरी है कि रहने, खाने, विचरण करने, व्यवसाय जैसे क्षेत्र में उन्हें पूरी आजादी है। देश का आम मुस्लिम समुदाय अपने घर एवं परिवार के बीच पूरी तरह से धार्मिक रहे लेकिन जब घर के बाहर निकले तो उसकी सोंच और मानसिकता विशुद्ध रूप से उन नीतियों की समर्थक होनी चाहिये जिनका प्रसार-प्रचार मोदी मुस्लिम देशों के बीच पहुंचकर कर रहे हैं। वह हिंदुत्व नहीं बल्कि उन सिद्धांतों को मुस्लिम देशों को बता रहे हैं जो मानव की उन्नति में सहायक हैं। हां! यह भी सत्य है कि इन सिद्धांतों को हिंदू समुदाय सबसे अधिक अपनाता है।

हमने इस सारगर्भित विषय को मोदी के समर्थन में नहीं बल्कि इस सत्य को लेकर उठाया है कि अगर नरेंद्र मोदी भारतीय मुसलमानों को शिक्षित करने, ज्ञान से विज्ञान की ओर ले जाने, जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग, समान नागरिक संहिता तथा मुस्लिम महिलाओं के कल्याण की बात को सौंचते और करते हैं तो इसमें भारतीय मुसलमानों को विरोध करने की जरूरत ही क्यों हैं..? केंद्र की सरकार या भाजपा शासित राज्यों की सरकारों ने किसी भारतीय मुसलमान की नागरिकता, शिक्षा और कारोबार जैसे विषयों पर कभी हमला नहीं किया बल्कि उन सुधारों को लागू कर वह देश की एकता में योगदान चाहते हैं जिनसे वह अभी तक दूर थे।

हमारा देश के सभी वर्गों., विशेषकर मुस्लिम समुदाय से यही आग्रह है कि अपने धर्म एवं समाज के लोगों के विकास की दिशा में उन सिद्धांतों को वे महत्व दें जो राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी हैं। मिलजुलकर साथ रहें। एक दिन वह जरूर आएगा जब संगठन एवं सरकार स्तर पर मुस्लिम स्वीकार्यता को भाजपा विवश होगी लेकिन इसके लिए मुस्लिम समाज को प्यार और सद्भाव तथा ईमानदारी और सहयोग तो देना ही होगा।
(UPDATED ON 5TH SEPTEMBER2024)