|
|
1947 के वक्त के सपने को यथार्थ में बदलने की जरूरत
हम सभी देश की आजादी का 75 वां वर्ष मनाने जा रहे हैं। बीते वर्षों में हमने कितनी प्रगति की? क्या खोया और क्या पाया इसका अवलोकन देश के विकास के लिए जरूरी है। देश में आतंकवाद, जबरिया धर्म परिवर्तन और पाकिस्तान से सहानुभूति रखने के कारण हिंदुस्तान का मुस्लिम ’हाशिये’ पर क्यों जा रहा है से अलग हटकर देश के विकास के संदर्भ में मध्यप्रदेश के बालाघाट संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य और मध्यप्रदेश में वन मंत्री रह चुके डा. ढाल सिंह बिसेन ने अपने विचार साझा किए।
-------------
देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लोगों में जागृति उत्पन्न करने के लिए हर घर तिरंगा फहराने का आह्वान राष्ट्र भावना जाग्रत और मजबूत करने के लिए किया है जिससे कि राष्ट्रीयता की भावना मजबूत हो। हम सब को मिलकर यह विचार करना है कि हम आज कहां खड़े हैं? हम सभी को इस देश को मजबूत बनाना है। देश को फिर से सोने की चिढ़िया बनाना है और साथ ही स्वावलम्बी भी। मैं यह मानकर चलता हॅू कि यह सभी का कर्तव्य है।
हमारे देश में हमारा कानून और संविधान है। देश में एडमिनिस्ट्रेशन मजबूत और अधिक करने की आवश्यता है जिससे लोगों को उनके हक की योजनाओं का लाभ मिल सके। मोदी जी ने यह सिद्ध कर दिया है कि हर वर्ग को बिना भ्रष्टाचार के भी हर योजना का लाभ मिल सकता हैे। अंतिम छोर के व्यक्ति को सारी योजनाओं का लाभ पहुंचे यही सबका लक्ष्य होना चाहिए। जनता भी अनुशासन मंे रहे और अनुशासन का पालन किया जाना चाहिए। सभी को सरकार की योजनाओं के साथ सहभागिता बनानी होगी। बिना गड़बड़ी के देश को आगे बढ़ाने में सभी अपना योगदान दें। जब देश के 130 करोड़ लोग मोदीजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे और यह मानकर चलेंगे कि यह मेरा देश है तो देश का भला होगा। जैसे एक व्यक्ति अपने धन को सोच समझकर व्यय करता है ठीक उसी प्रकार देश के संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए।
आजादी के समय देश के लोगों ने जिस भारत की कल्पना की थी उसी के अनुक्रम में अब काम हो रहा है और आगे भी होगा। हम सभी को इस दिशा और अभियान में अपना सहयोग करना ही होगा और तभी 1947 की सोच को साकार रूप मिल पाएगा। जो सपना उस वक्त देखा गया था वह सभी के सहयोग और ईमानदारी से ही पूरा होगा। आज जरूरत यह है कि हम सब मिलकर देश को आत्म निर्भर बनाने में एकता और सहयोग का परिचय दें। आने वाले 25 साल में यह साबित कर दें कि यह न्यायप्रिय नेतृत्वकर्ता का काम है। जनता को ईमानदारी के साथ अपने आचरण का परिचय भी देना होगा।
जहां तक देश में साम्प्रदायिकता की बात है तो मैं यह क्लीयर कर दूं कि हिन्दुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदुस्तानी है। हमारे देश में हर जाति और सम्प्रदाय के लोग हैं। यह देश एक है। जैसे एक हाथ में अंगुलियां बराबर नहीं होती है लेकिन जब मुट्ठी बन जाती है तो वह ताकत बन जाती हैं। हमें अपनी अंगुलियों को मुट्ठी के रूप में ताकत बनाना है न कि अंगुलियों को धर्म और जाति का नाम दिया जाए। इसी तरह हर वर्ग के लोगों को देश की एकता और मजबूती के लिए काम करने की जरूरत है, न कि अलग अलग होकर अपनी शक्ति को नष्ट करने की। सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं। जय हिन्द!
|
|