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भारत को वापस मिलेंगी ऐतिहासिक 297 धरोहरें-मोदी की अमेरिका यात्रा ने दिखाया असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चल रही अमेरिका यात्रा को आज उस वक्त ऐतिहासिक सफलता मिली जब अमेरिकी सरकार ने भारत से चुरा कर अथवा तस्करी कर लाई गई 297 धरोहरों को वापस भारत को लौटाने का निर्णय किया। हालांकि इस सम्बंध में जुलाई, 2024 में सांस्कृतिक संपदा समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके थे। ये पुरावशेष वस्तुएं लगभग 4000 वर्ष पुरानी समयावधि अर्थात 2000 ईसा पूर्व से लेकर 1900 ईसवी तक की हैं और इनका उद्गम भारत के विभिन्न हिस्सों से हुआ है। इनमें से अधिकांश पुरावशेष पूर्वी भारत की टेराकोटा कलाकृतियां हैं, जबकि अन्य वस्तुएं पत्थर, धातु, लकड़ी तथा हाथी दांत से बनी हैं और देश के विभिन्न भागों से संबंधित हैं। इन ऐतिहासिक मूर्तियों को सौंपे जाने संबंधी बातचीत के वक्त मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपाति बाइडेन पूरी गर्मजोशी से मिले। बाइडेन ने मोदी को गले से लगाया।

नयी दिल्ली में प्राप्त खबरों के अनुसार मोदी की अमरीका की यात्रा के अवसर पर अमरीकी पक्ष ने आज कहा कि भारत से चोरी की गयी अथवा तस्करी के माध्यम से ले जायी गयी 297 प्राचीन वस्तुओं की वापसी की जाएगी। इनमें मध्य भारत से प्राप्त बलुआ पत्थर की 10-11वीं शताब्दी ई. की अप्सरा की मूर्ति;,,,मध्य भारत से मिली कांस्य की बनी जैन तीर्थंकर की 15-16वीं शताब्दी की प्रतिमा;,,, पूर्वी भारत से प्राप्त तीसरी-चौथी शताब्दी का बना टेराकोटा फूलदान;,,,दक्षिण भारत की पत्थर की मूर्ति पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईसवी तक की है;,,, दक्षिण भारत से प्राप्त कांस्य के बने भगवान गणेश, 17-18वीं शताब्दी ई. के;,,, उत्तर भारत से प्राप्त बलुआ पत्थर से बनी भगवान बुद्ध की खड़ी प्रतिमा, जो 15-16वीं शताब्दी की है;,,,पूर्वी भारत से प्राप्त भगवान विष्णु की कांस्य प्रतिमा 17-18वीं शताब्दी ई. की है;,,, 2000-1800 ईसा पूर्व से संबंधित उत्तर भारत से तांबे में तैयार मानवरूपी आकृति;,,, दक्षिण भारत से प्राप्त भगवान कृष्ण की कांस्य मूर्ति,,, 17-18वीं शताब्दी की प्रतिमा है; और दक्षिण भारत से प्राप्त ग्रेनाइट में निर्मित भगवान कार्तिकेय की 13-14वीं शताब्दी की मूर्ति शामिल है।

हाल के समय में, सांस्कृतिक संपदा की वापसी भारत और अमरीका की सांस्कृतिक समझ व आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण पहलू बन गई है। वर्ष 2016 से, अमरीका की सरकार ने बड़ी संख्या में तस्करी या चोरी की गई प्राचीन वस्तुओं की भारत वापसी की सुविधा प्रदान की है। जून, 2016 में प्रधानमंत्री की अमरीका यात्रा के दौरान 10 पुरावशेष लौटाए गए; वहीं सितंबर, 2021 में उनकी यात्रा के दौरान 157 वस्तुएं और पिछले वर्ष जून में उनकी यात्रा के दौरान 105 पुरावशेष लौटाए गए। इस प्रकार साल 2016 के बाद अमरीका से भारत को लौटाई गई सांस्कृतिक कलाकृतियों की कुल संख्या 578 हो चुकी है। यह किसी भी देश द्वारा भारत को लौटाई गई सांस्कृतिक पुरावशेष की सर्वाधिक संख्या है।
(updated on 22nd september 24)