पूर्वाेत्तर के राज्यों में दो उग्रवादी गुटों के साथ समझौता
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पूर्वाेत्तर के राज्यों में दो उग्रवादी गुटों के साथ समझौता
केंद्र और त्रिपुरा सरकार तथा राज्य के दो उग्रवादी समूहों ने आज यहांएक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार पूर्वाेत्तर क्षेत्र खासकर आदिवासियों की संस्कृति, भाषा और पहचान को संरक्षित रखते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ पूर्वाेत्तर और दिल्ली के बीच की खाई को पाटकर उन्हें सड़क, रेलवे और उड़ानों के जरिए जोड़ा है, बल्कि दिलों के बीच की दूरी को भी पाटा है।
गृह मंत्री ने कहा कि 328 से अधिक उग्रवादी हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होंगे और दोनों उग्रवादी समूहों के परिचालन वाले क्षेत्रों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही शांति और प्रगति की दिशा में त्रिपुरा की यात्रा में आज एक नया मील का पत्थर स्थापित हो गया। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और गृह मंत्रालय तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के प्रतिनिधियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद थे। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में अपना भरोसा जताते हुए एनएलएफटी और एटीटीएफ ने 35 साल पुराने संघर्ष को समाप्त करने और मुख्यधारा में लौटने, हिंसा छोड़ने और समृद्ध एवं विकसित त्रिपुरा के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होने पर सहमति दी है। उन्होंने कहा, ष्मोदी सरकार पूर्वाेत्तर के, खासकर आदिवासी समूहों की संस्कृति, भाषा और पहचान को संरक्षित रखते हुए, समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पूर्वाेत्तर क्षेत्र में शांति और विकास को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है।(updated on 4th sept 24)
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