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गुमान सिंह डामोर
हमारा देश भारत इस वक्त कई समस्याआंे से जूझ रहा है। ये समस्याएं उस वक्त हमारे सामने हैं जबकि हम आजादी की वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। आजादी के आंदोलन में भारत मॉ की सेवा करने के लिए असंख्य वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया। उनके त्याग एवं तपस्या के परिणाम स्वरूप ही हमें सैकड़ांे वर्षों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई । भारत का इतिहास इन रणबांकुरों से भरा है। उनके योगदान एवं बलिदान की कहानियां हमारी वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को लगातार पढ़ते रहने की जरूरत है। ध्यान रहे कि इतिहास एवं बलिदान कभी भी मरता नहीं है वह हमेशा जीवंत रहता है। आज के समय में हमें इस सत्य को समझने की जरूरत है कि हमें मातृभूमि की रक्षा एवं सेवा करने वालों के रास्ते पर देश को ले जाना है। उनके बताए एवं दिखाए रास्ते के कारण अगर भारत को आजादी मिली और करोड़ों लोगों को स्वच्छंद आजाद हवा का आनंद मिला तो यह भी एक सच्चाई है कि अगर वर्तमान और भावी पीढ़ी इस योगदान को हमेशा मस्तिष्क में बिठा कर रखे तो भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने से कोई रोक नहीं सकता है।


आजादी की पूर्व बेला में मैं यह भी कहना चाहता हॅू कि हम सभी का यह कर्त्तव्य है कि स्वतत्रंता के मूल्यों को सभी नौजवान साथियांे तक पहुॅचाये। हमें सदैव अखंड भारत की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस मातृभूमि की रक्षा में जिन वीर शहीदों ने हॅसते-हॅसते अपने प्राणों की आहूति दी है, उन्हें सदैव याद रखे एवं उनके बताये हुए मार्ग पर चलकर भारत को विश्व गुरू बनायंे। यह उन वीर शहीदांे को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हमें यह सत्य भी याद रखना होगा कि हमें आने वाले वर्षों में देश को विकसित बनाने से पहले पूर्ण रूप से साक्षर ही नहीं साक्षरता को उच्च पायदान तक ले जाकर हर भारतीय को शिक्षा के माध्यम से परिपूर्ण करना है। अगर हर हिंदुस्तानी पूर्ण रूप से शिक्षित हो जाता है तो वह कभी भी बेरोजगार नहीं रह सकता। शिक्षित व्यक्ति अपना रास्ता स्वयं निकाल लेता है जैसे अंधेरे में एक चिराग संपूर्ण घर को रोशनी से आच्छादित कर देता है।

हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मानन्ीय नरेन्द्र मोदी जी के आव्हान पर हम सभी 9 अगस्त से 15 अगस्त तक हर-घर तिरंगा फहराने के अभियान में जुट जाएं। ध्यान रहे कि तिरंगा ही हम सभी को तीन रंगों में समाहित करता है और जिसका भावार्थ है संघर्ष, शांति एवं प्रगति। जयहिंद।
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लेखक एवं प्रस्तुति
संसद की कई कमेटियों के सदस्य रहे एवं रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से पूर्व लोकसभा सदस्य गुमान सिंह डामोर