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एनपीएस के सब्सक्राइबर कर्मचारियों को ही मिलेगा
एनपीएस के सब्सक्राइबर कर्मचारियों को ही मिलेगा लाभांश

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए हाल ही में अनाउंस की गई एकीकृत पेंशन योजना यानी यूपीएस सिर्फ उन लोगों के लिए ही उपलब्ध होगी जो फिलहाल नई पेंशन योजना यानी एनपीएस के सब्सक्राइबर हैं। इनमें रिटायर कर्मचारी भी शामिल हैं। यूपीएस योजना के तहत कर्मचारियों को 25 साल की न्यूनतम योग्यता सेवा होने पर रिटायरमेंट से पहले के आखिरी 12 महीनों में उनके औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी दी गई है। एनपीएस में मिलने वाली राशि बाजार से मिलने वाले रिटर्न पर निर्भर करती है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में यूपीएस योजना को मंजूरी दी है। इस योजना में पेंशन कम-से-कम 10 साल की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक आधार पर तय होगी। साथ ही, न्यूनतम 10 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन भी सुनिश्चित की गई है। यह योजना सरकारी कर्मचारियों की एनपीएस से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए लाई गई है। एनपीएस को 1 जनवरी, 2004 से लागू किया गया था। इसके पहले पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। हालांकि, पुरानी पेंशन योजना के उलट यूपीएस में कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा। वहीं नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूपीएस से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा। अगर राज्य भी यूपीएस ढांचे को अपनाते हैं, तो फिलहाल एनपीएस का हिस्सा बने कुल 90 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे। इस साल के आखिर में विधानसभा चुनावों का सामना करने जा रहे महाराष्ट्र की सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस को अपनाने की घोषणा कर दी है। वह ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
(UPDATED ON 26TH AUGUST 24)