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पहली बार एक दिव्यांग पर्वतारोही बैसाखी के सहारे शिखर
पहली बार एक दिव्यांग पर्वतारोही बैसाखी के सहारे शिखर पर सफलतापूर्वक चढ़ा


78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में,रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में हिमालय पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई) के दिव्यांगजन अभियान दल ने अफ्रीकी महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो के उहुरू शिखर पर 7800 वर्ग फुट का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया है।

ग्रुप कैप्टन जय किशन के नेतृत्व वाले दल, जिसमें दिव्यांग श्री उदय कुमार एवं अन्य शामिल थे, ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए मिशन कंचनजंगा नेशनल पार्क से माउंट किलिमंजारो (मिशन के2के) तक यात्रा की, क्योंकि पहली बार एक दिव्यांग पर्वतारोही ने बैसाखी का उपयोग करके सफलतापूर्वक प्रयास को पूरा किया। दल ने आधार शिविर (बेस कैंप) से अपनी यात्रा शुरू की और 7 अगस्त, 2024 को 15500 फीट की ऊंचाई पर स्थित किबू हट पहुंची, जहां उन्होंने रस्सियों, ग्राउंड नेट और एंकर की मदद से 7,800 वर्ग फुट के राष्ट्रीय ध्वज को गर्व से प्रदर्शित किया।

मौसम की स्थिति और सभी सदस्यों की मेडिकल फिटनेस को ध्यान में रखते हुए, दल ने 8 अगस्त को 0300 बजे उहुरू शिखर की ओर चढ़ाई शुरू की। ढीले-ढाले लेकिन जोखिम भरे इलाके में 10 घंटे की कठिन चढ़ाई के बाद, 85 डिग्री की ढाल वाली एवं अल्पाइन रेगिस्तान की खड़ी चढ़ाई हुई। वे 1300 बजे सफलतापूर्वक उहुरू चोटी के शिखर पर पहुंचे और 5,895 मीटर (19,341 फीट) की ऊंचाई पर खड़े होकर माउंट किलिमंजारो की उहुरू चोटी के शिखर पर 7800 वर्ग फुट का भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

यह ऐतिहासिक अभियान आशा का एक प्रतीक है और इस बात की याद दिलाता है कि दृढ़ता और समर्थन के माध्यम से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है। इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांगजनों की भावी पीढ़ियों और अन्य वंचित युवाओं को अपने सपनों, चाहे वे कितने भी कठिन क्यों न हों, को साकार करने के लिए प्रेरित करना है।(updated on 10th August 24)
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