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दुःख है कि बहुसंख्यक लोग भौतिक
दुःख है कि बहुसंख्यक लोग भौतिक सुख के पीछे भाग रहे हैं


नयी दिल्ली -राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दक्षिण गुजरात के वलसाड में श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर का दौरा किया। यह पहली बार है कि जब स्वतंत्रता के बाद भारत के किसी राष्ट्रपति ने इस आदिवासी तालुके का दौरा किया है। श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, कैबिनेट मंत्री डॉ. कुबेर डिंडोर, राज्य मंत्री जगदीश पांचाल, जनजाति विकास अभिकरण के प्रमुख सचिव डॉ. ए.एस. मुरली कृष्ण सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, श्रीमद राजचंद्र एक महान संत, कवि, दार्शनिक और समाज सुधारक थे। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए गुरुदेव राकेश जी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। मुझे यह जानकर प्रसन्घ्नता हुई कि गुरुदेव राकेश जी के मार्गदर्शन में, श्रीमद राजचंद्र मिशन धरमपुर, विश्व भर में 200 से अधिक स्थानों पर सक्रिय है।

राष्ट्रपति ने आगे कहा, आज बहुसंख्यक लोग भौतिक सुख के पीछे भाग रहे हैं। वे भूल गए हैं कि उन्हें जीवन में वास्तव में क्या चाहिए। हम अपनी आध्यात्मिक संपदा को धीरे-धीरे भूलते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्मरण रखना चाहिए कि धनोपार्जन के साथ-साथ मानसिक शांति, समभाव, संयम और सदाचार भी अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने मूल स्घ्वभाव की ओर जाएं, तो आज विश्व में व्याप्त अनेक समस्याओं के समाधान प्राप्त हो सकते हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम आधुनिक विकास को त्याग दें। इसका अर्थ है कि हम आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलते हुए आधुनिक विकास को अपनाएं।
(UPDATED ON 15TH FEBRUARY 24)
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