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महिलाओं के विकास पर ही राष्ट्र का विकास संभव -
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि महिलाओं के विकास पर ही राष्घ्ट्र का विकास संभव है। वह आज दिल्ली विश्वविद्यालय के भारती कॉलेज में “विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका” विषय पर एक विचारों के आदान-प्रदान सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्री धनखड़ ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाएं सबसे महत्वपूर्ण साझीदार हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाएं और महिलाएं शक्तिशाली होती हैं, इनकी ज्घ्यादा से ज्घ्यादा भागीदारी से ही सामाजिक माहौल बेहतर होता है। उपराष्ट्रपति ने सशक्तिकरण में महिलाओं के नेतृत्घ्व पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति ने कोलकाता दुष्कर्म और हत्या की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जहां महिलाएं और लड़कियां सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, उसे सभ्य समाज नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की वे ऐसी अपमानजनक और हिसंक घटनाओं को कदापि बर्दास्घ्त न किया जाए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि समान नागरिक संहिता एक संवैधानिक आबंधिक और निदेर्शित सिद्धांतों का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को न्याय सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि भारत एक परिपक्व, परिष्कृत और औपचारिक अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि देश एक मजबूत औद्योगिक राष्घ्ट्र बनने की ओर अग्रसर हैं।(updated on 30th August 24)
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