वैश्विक संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान दे यूएन--मोदी //////ड्रोन आधुनिक प्रौद्योगिकी की जरूरतों को पूरा कर सकती है- डॉ. अभिलक्ष ////भारत में हर साल लगभग 13 लाख लोग तंबाकू सेवन से अपनी जान गंवा देते हैं-जाधव ///सक्षम ने मनाया महामुनि अष्टावक्र जयंती समारोह ////किसान और किसान संगठनों से संवाद की आजशुरुआत की शिवराज सिंह चौहान ने ////-सीएम की ’’कुर्सी’’ के बगल में सीएम की ’’दूसरी कुर्सी’’ संवैधानिक प्रश्न है/////सीएजी कार्यालय संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं पर खरा उतरा-राष्ट्रपति////देश में ट्रेन हादसों को रोकने ने लिए रेलवे ने पहली बार गठित किया रेल रक्षक दल///पीयूष गोयल ने ऑस्ट्रेलिया यात्रा के पहले दिन हितधारकों के साथ कई बैठक की//// राजनाथ सिंह ने तटरक्षक कमांडरों के 41वें सम्‍मेलन का किया शुभारंभ///// Annpurna Devi advocates for Nutritional Excellence at 'Kuposhan Mukt Jharkhand' event///
Home | Latest Articles | Latest Interviews |  Past Days News  | About Us | Our Group | Contact Us
एमईआईटीवाई सचिव कृष्णन
एमईआईटीवाई सचिव कृष्णन ने ई-कचरा प्रबंधन पर सीओइ का उद्घाटन किया


नयी दिल्ली - इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी के लिए सामग्री केन्द्र (सी-एमईटी) भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक समिति है। इसकी तीन अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएँ पुणे, हैदराबाद और त्रिशूर में स्थित हैं जो महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों पर विभिन्न मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। सी-मेट, हैदराबाद प्रयोगशाला धातुओं और मिश्र धातुओं सहित इलेक्ट्रॉनिक सामग्रियों और युद्ध कौशल संबंधी सामग्रियों के विकास पर भी ध्यान दिये है। इसके तहत वर्तमान की मुख्य जरूस्त ई-कचरा प्रबंधन सुविधा पर उत्कृष्टता केन्द्र (सीओई) का उद्घाटन एमईआईटीवाई सचिव एस कृष्णन ने किया।

सी-मेट, हैदराबाद के मुख्य विषयों में से एक देश में संसाधन कौशल और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल ई-कचरा रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों का विकास करना है। जैसा कि 2019 में जानकारी दी गई थी, भारत प्रति वर्ष लगभग 3.2 मिलियन टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न करता है, जिसमें सीसा, कैडमियम, क्रोमियम, पारा आदि जैसी खतरनाक सामग्रियों के अलावा सोना, तांबा, पैलेडियम, चांदी आदि जैसी कई कीमती सामग्रियां शामिल होती हैं, जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अपूरणीय खतरे का कारण बन सकती हैं।

इस मौके पर आईटी ईएंडसी, जीओटी में मुख्य सचिव जयेश रंजन; एमईआईटीवाई में जेएस एवं एफए राजेश सिंह; मैसर्स ग्रीनको में सीई एवं एमडी डॉ. अनिल कुमार सी; एमईआईटीवाई में जीसी डॉ. संदीप चटर्जी; सी-मेट के महानिदेशक ई मगेश; सीपीडब्ल्यूडी के सीई अशोक कुमार खटवा भी उपस्थित थे।
(updated on 4th feb 24)
---------------