आज की कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग और अर्बन नक्सली-मोदी///जम्मू-कश्मीर में आतंक की वजह इस्लामिक स्टेट और अलकायदासमूह //-विकास की दिशा में जातिगत दबंगई खत्म करना आवश्यक/// खेती को लाभप्रद बनाने के अलावा, तीन अन्य बड़ी चुनौतियां-राष्ट्रपति//भारत अगले साल विश्व मनोरंजन शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा///वर्ल्ड फूड इंडिया में एपीडा पवेलियन में कृषि-खाद्य पेशकश प्रदर्शित////नाबालिगों के लिए एनपीएस वात्सल्य पेंशन योजना शुरू////नड्डा ने वैश्विक खाद्य नियामक सम्मेलन के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया/////अंडमान एवं निकोबार के 21 द्वीपों के नये नामों की वर्षगांठ पर ’अभियान परमवीर’ लॉन्च ////
Home | Latest Articles | Latest Interviews |  Past Days News  | About Us | Our Group | Contact Us
-’’इमरजेंसी’’ फिल्म सिख इतिहास का गलत चित्रण करती
-’’इमरजेंसी’’ फिल्म सिख इतिहास का गलत चित्रण करती है-


महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन ने कंगना रनौत द्वारा निर्देशित और अभिनीत आगामी फिल्म ’’इमरजेंसी’’ के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस फिल्म में सिख समुदाय के प्रति गहरी आपत्तिजनक और अपमानजनक सामग्री पेश की गई है। फिल्म में सिख पात्रों का अनुचित चित्रण और ऐतिहासिक घटनाओं का विकृत प्रस्तुतीकरण न केवल गलत है बल्कि यह सिखों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है।

एसोसिएशन के कन्वीनर बल मल्कीत सिंह ने आज एक बयान में कहा कि सिख समुदाय ने हमेशा न्याय, समानता और सच्चाई के मूल्यों का पालन किया है। हमारे इतिहास को विकृत करने या हमारी संस्कृति का अपमान करने का कोई भी प्रयास न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि उन सभी मूल्यों के लिए भी एक अपमान है जिनका हम सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से अपील करता है कि वे इस फिल्म की तुरंत समीक्षा करें और इसके रिलीज पर पुनर्विचार करें।’’ हम बोर्ड से अनुरोध करते हैं कि ऐसी फिल्मों को प्रमाणपत्र न दिया जाए, जिनकी सामग्री ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करती है और नकारात्मक धारणाओं को बढ़ावा देती है। उन्होंने महाराष्ट्र और देशभर के सिख समुदाय के साथ-साथ सभी न्याय और सच्चाई के समर्थकों से ’’इस फिल्म का बहिष्कार’’ करने की अपील करते हैं। हमें ऐसे किसी भी मंच या माध्यम का समर्थन नहीं करना चाहिए जो हमारे धर्म के खिलाफ हानिकारक सामग्री का प्रचार करता हो।

मल्कीत सिंह ने कहा कि जबकि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, यह आवश्यक है कि इस स्वतंत्रता का प्रयोग जिम्मेदारी के साथ किया जाए, विशेष रूप से ऐतिहासिक और धार्मिक विषयों के संदर्भ में। फिल्म निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे विषयों से सावधानी और ईमानदारी के साथ निपटें, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनका कार्य किसी को नुकसान या नकारात्मक भावनाएं पैदा न करे।(updated on 28th August 2024)
----------------