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भारत और सिंगापुर ने सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए
भारत और सिंगापुर ने सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए -भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा


हम भारत में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह मेरा तीसरा कार्यकाल है। जो लोग भारत से परिचित हैं, उन्हें पता होगा कि 60 वर्षों के बाद किसी सरकार को तीसरी बार जनादेश मिला है। इसके पीछे का कारण मेरी सरकार की नीतियों में लोगों का विश्वास है। अगर दुनिया में कोई सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन क्षेत्र है। भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात सिंगापुर में बिजनेस लीडर्स समिट में कही। उन्होंने कहा, हम पूर्वानुमानित और प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत में टियर 2 और टियर 3 शहरों में स्टार्टअप बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी दौरान भारत और सिंगापुर ने स्वास्थ्य और औषधि, शिक्षा और कौशल विकास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, तथा भारत सिंगापुर सेमीकंडक्टर प्रणाली साझेदारी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए चार सहमति पत्रों पर हस्घ्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लारेंस वॉग के बीच आज हुई प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिंगापुर का भारतीय अर्थव्यवस्था में लगभग 160 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश है और वह भारत का अग्रणी आर्थिक साझेदार है। उन्होंने कहा कि भारत में तेज और सतत वृद्धि ने सिंगापुर की संस्थाओं के लिए निवेश के आपार अवसर खोल दिए हैं।

पीएम मोदी ने कहा, भारत की जरूरतों के साथ स्किल डेवलपमेंट एक ग्लोबल जॉब मार्केट से भी जुड़ा हुआ है। अगर आपकी कंपनियां ग्लोबली क्या चल रहा है, उसका सर्वे करें, ग्लोबल डिमांड का एनालिसिस करें और उसके मुताबिक भारत में स्किल डेवलपमेंट के लिए आएं, तो ग्लोबल जॉब मार्केट को बड़ी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा भारत के पास टैलेंट है और उसका लाभ दुनिया को मिलेगा। दुनिया में जितना रियल टाइम ट्रांजैक्शन होता है, उसका 50 प्रतिशत अकेले भारत में होता है। फिनटेक की दुनिया में अगर ग्लोबल लीडर बनना है, तो भारत को केंद्र बिंदु बनाकर बड़ी आसानी से आप फिनटेक की दुनिया में आगे आ सकते हैं।(UPDATED ON 5TH SEPTEMBER2024)
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