भारत को वापस मिलेंगी ऐतिहासिक 297 धरोहरें-मोदी की अमेरिका यात्रा ने दिखाया असर////क्वाड संगठन हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध-मोदी/// कश्मीर में किनका श्राद्ध करना है ध्यान रखें मतदाता-मोहन यादव////-तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ तक चलें देश के विभिन्न क्षेत्रों से वंदे भारत ट्रेनें////पर्यटन मंत्री शेखावत ने ब्राजील में जी-20 मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया////जी-20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता महत्वपूर्ण कदम - चावला ////नरेन्द्र मोदी ने सब कुछ संभव बनाया है-धनखड//////-प्रसाद में मांस मिश्रण अस्वीकार्य पर आत्मा में झांके तो सनातनी ////
Home | Latest Articles | Latest Interviews |  Past Days News  | About Us | Our Group | Contact Us

Detailed Discussion Forum
रामेश्वर शर्मा
15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाते वक्त मेरे मस्तिष्क में कई ऐतिहासिक गल्तियों से सम्बंधित विषय कौंध रहे हैं। आजादी की लड़ाई कोई एक दिन नहीं लड़ी गई बल्कि कई वर्षों तक इस लड़ाई को हमारे देश के लोगों ने लड़ा लेकिन जब आजादी पाई तो देश के अंदर से ही पाकिस्तान नामक राष्ट्र निर्माण कर दिया गया। जब हम अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं तो ठीक उसके एक दिन पहले पाकिस्तान अपनी स्वतंत्रता दिवस मनाता है जो मेरे लिए एक टीस है। आखिर देश के बंटवारे में कहां गलती हुई जिसका खामियाजा आज भी देश भुगत रहा है। अब यह गलती किसने की। मोहम्मद अली जिन्ना ने की या जवाहरलाल नेहरू ने इस विषय के बारे में सभी देशवासियों को पता है। लेकिन मेरा मानना है कि वह दिन वह जरूर आएगा जब लाहौर सहित पूरा पाकिस्तान भारत में होगा और यह दिन देश का स्वर्णिम दिन होगा।

मैं यह भी कहना चाहूंगा कि आजादी हमें कागजों पर ही नहीं मिली बल्कि हजारों लोग इस आजादी की चाहत में शहीद हो गए। इस आजादी में असख्य लोगों का रक्त समाहित है। जलियाबाला बाग में जो नरसंहार अंग्रेजों ने किया उसे देश ना भूला है और ना ही भूल सकता है। लेकिन इसके बावजूद जो आजादी हमें मिली उस दिशा में हर देशवासी का यह कर्त्तव्य हो जाता है कि देश के विकास में वह अपना योगदान दे। देश के विकास में हर व्यक्ति के योगदान की देश को जरूरत है और सभी की इस दिशा में यह जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्त्तव्य को पूरी ईमानदारी के साथ निभाए।

इसी प्रकार मैं हर देशवासी से यह कहना चाहूंगा चाहे वो हिंदू हो या मुस्लिम,वह सिख हो इसाई लेकिन शहीदों के प्रति अपनी भावनाओं को कम ना होने दे। अगर एक हिंदू भले ही मंदिर ना जाए, एक मुस्लिम भले ही मस्जिद में नमाज ना पढ़ने जा पाए,एक सिख भले ही गुरूद्वारे में अरदास ना कर पाये और एक इसाई चर्च में प्रार्थना में हिस्सा ना ले पाए लेकिन शहीदों की स्मृति में उनके स्थलों पर जाकर शीश नवाए और तिरंगे को अवश्य ’सैल्यूट’ करे। इस तिरंगे में जो रंग हैं वही रंग हमारी आजादी की वास्तविकता भी बताते हैं और हमें हमारे कर्तव्य भी याद दिलाते हैं। सभी देशवासियों को अपने इस राष्ट्रीय पर्व पर अग्रिम बधाई एवं देश सहित सभी की प्रगति की शुभकामनाएं।
-------------
लेखक एवं प्रस्तुति
मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रोटेम स्पीकर एवं भोपाल-हुजूर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामेश्वर शर्मा