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-मेरे पति का नाम मेरे नाम के साथ क्यों लिया...?
संसद में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन पर उलझ गई और अपनी आपत्ति जताई। धनखड़ ने सपा सांसद को जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित किया था। वहीं जया बच्चन के शब्दों और व्यवहार को लेकर राज्यसभा में उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया।वहीं दूसरी ओर आज ही संसद के दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिये गए।

आज राज्यसभा में जब एक प्रश्न के लिए सभापति ने जया बच्चन का नाम ’जया अमिताभ बच्चन जी’’ कहकर पुकारा तो उनकी आपत्ति थी कि मैं,मै हॅूं। मेरे नाम के साथ मेरे पति को क्यों जोड़ा गया।उन्होंने कहा कि आपके बोलने का टोन स्वीकार नहीं है। जया की इस बात से धनखड़ नाराज हो गए। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- आप अपनी सीट पर बैठ जाइए। आप जानती हैं कि एक एक्टर को डायरेक्टर कंट्रोल करता है। मैं हर दिन अपनी बात दोहराना नहीं चाहता। हर दिन मैं स्कूली शिक्षा नहीं देना चाहता। सभापति जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि आप मेरी टोन पर सवाल उठा रही हैं। इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। आप सेलिब्रिटी हों या कोई और, आपको डेकोरम बनाकर करना होगा।आप सीनियर मेंबर चेयर को नीचा दिखा रही हैं। जया और धनखड़ के बीच विवाद के दौरान राज्यसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने दादागिरी नहीं चलेगी के नारे लगाए और राज्यसभा से वॉकआउट कर गए। जया बच्चन सदन में खुद को जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित करने को लेकर नाराज थीं। 22 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में इस मुद्दे पर जया और सभापति के बीच इससे पहले भी दो बार विवाद हुए हैं। जया बच्चन का कहना है कि महिलाओं की अपनी पहचान होती है। उन्हें पति के नाम के साथ संबोधित करने की जरूरत नहीं है। सभापति ने उन्हें टोकते हुए कहा- माननीय सदस्यगण, जो नाम इलेक्शन सर्टिफिकेट में आता है और जो यहां जमा किया जाता है, उसके अंदर बदलाव की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया का लाभ मैंने खुद उठाया था 1989 में। वो बदलाव की प्रक्रिया हमने हर सदस्य को बताई है।(updated on 9th august 24)
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