’कांफिडेंस’’ से भरपूर’’ जारी हैं हमले’’ पीएम के- -राष्ट्रपति
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ं’कांफिडेंस’’ से भरपूर’’ जारी हैं हमले’’ पीएम के- -राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में मोदी ने ऐतिहासिक गल्तियों को किया रेखांकित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17वीं संसद के आखिरी सत्र में इस वक्त आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में उन्होंने पहले विपक्ष और विशेषकर सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक पर अपने पैने शब्दों से सकारात्मक भाषा में हमले किए तो आज राज्यसभा में उन्होंने हमले तो नहीं किए लेकिन आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराते और हंसते हुए चुटीले अंदाज में विपक्ष की ऐतिहासिक तथा वर्तमान गल्तियों को रेखांकित किया। ज्ञात हो कि 10 फरवरी को इस सत्र की समाप्ति के साथ ही लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाएंगी और देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुने गए प्रतिनिधियों के आगमन के साथ ही लोकसभा की कार्रवाई आरम्भ होगी। सत्तापक्ष को पूरा विश्वास हो चुका है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसका गठबंधन बहुमत ही नहीं बल्कि प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगा तथा नरेंद्र मोदी पुनः देश के प्रधानमंत्री पद पर आरूढ़ होंगे। इस लिहाज से आज संभवतः मोदी का इस सत्र का यह अंतिम भाषण था। मोदी के कांफिडेंस का प्रमुख कारण है विपक्षी गठबंधन का बिखरना। कल ही चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी (गुट) की बजाय उनके भतीजे अजित पवार के गुट को चुनाव चिन्ह तथा नाम को मान्यता देना तो वहीं उत्तरप्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल का अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से छिटकना तथा भाजपा में शामिल होने की संभावना भी प्रमुख हैं। बंगाल में ममता बनर्जी पहले ही कांग्रेस से दूरी बना चुकी हैं तो वहीं बिहार में नितिश कुमार अब भाजपा के साथ आ चुके हैं। अर्थात भाजपा गठबंधन की लोकसभा चुनाव में विजय तय मानी जा रही है।
आज दोपहर बाद जब राज्यसभा की कार्रवाई आरम्भ हुई तो सदन में पीएम मोदी के भाषण को सुनने के लिए सत्ता सहित विपक्ष मौजूद था। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस को उनकी ऐतिहासिक गल्तियां गिनाई। घंटेभर से ज्यादा देर के भाषण के दौरान पीएम ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे पर भी तंज भी कसा। साथ ही मोदी ने नेहरू की एक चिट्ठी का भी जिक्र किया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस के अपने नेता की कोई गारंटी नहीं है वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं। मोदी ने कहा कि मैं खरगे जी का विशेष आभार प्रकट करता हूं। मैं उस दिन इन्हें बहुत ध्यान और आनंद से सुन रहा था। लोकसभा में मनोरंजन की जो कमी हमें खल रही थी, वो इन्होंने पूरी कर दी थी। लोकसभा में कभी-कभी मनोरंजन मिल जाता है, लेकिन आजकल वो दूसरी ड्यूटी पर है, मनोरंजन कम मिलता है।
ऐतिहासिक तथ्यों को अपने भाषण का हिस्सा बनाते हुए मोदी ने राज्यसभा में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की चिट्ठी को हथियार बनाकर कांग्रेस पर जोरदार वार किए। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, नेहरू जी कहते थे कि एससी/एसटी/ओबीसी को नौकरी में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। आज जो ये आंकड़े गिनाते हैं, उसका मूल यही है। अगर उस समय सरकार में इस वर्ग की भर्ती हुई होती, तो वे प्रमोशन के बाद आगे बढ़ते और आज यहां पहुंचते। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की एक चिट्ठी जो उन्होंने अपने कार्यकाल में उस वक्त के राज्यों के मुख्यमंत्रियांे को लिखी थी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चिट्ठी में नेहरूजी ने लिखा था कि मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए। इसी के आधार पर मैं कहता हूं कि कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी है।
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