|
|
Detailed Discussion Forum
|
|
किशन सूर्यवंशी
|
15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व बेला में सबसे पहले तो मैं भोपाल, मध्यप्रदेश और समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई देने के साथ ही यह कहना चाहूंगा कि आज जो हम सभी स्वतंत्रता की सांस ले रहे हैं उन सांसों में उन हजारों लोगों की सांसें भी समाहित हैं जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करते हुए शहीद हो गए। इन सभी शहीदों की आत्मा हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज ’तिरंगे’ में समाहित हैं। जब भी हम अपने तिरंगे को देखते हैं तो हम सभी के मन और मस्तिष्क में उन आत्माओं के प्रति सम्मान और गहरा हो जाता है जिन्होंने मातृभूमि को अंग्रेजों की दास्तां से मुक्त कराने में अपना योगदान दिया था। हमारा राष्ट्रीय ध्वज जब हर घर में फहराता है तो हमारा मस्तिष्क भी उन स्मृतियों में चला जाता है जो वर्ष 1947 की रहीं। देश के क्रांतिकारियों ने अपने जीवन की आहूति देकर हम सभी के लिए आजाद भारत का मार्ग प्रशस्त किया था। ये क्रांतिकारी अब हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी स्मृति किसी ना किसी रूप में हम सभी में समाहित है। इन सभी क्रांतिकारियों के योगदान को हम कतई भी ना भूलें तथा उज्जवल भारत के निर्माण में सदा लगे रहे यही मेरी भी और समस्त देशप्रेमियों के लिए भावना है।
हम सभी को आजादी तो मिल गई लेकिन मानसिक आजादी को हमें सकारात्मक दिशा में ही लगाना है। समाज में सभी ओर एका रहे तथा देशप्रेम की भावना मजबूत होती रहे यही हमारे शहीदों की इच्छा थी। जब वो आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे तो उन्हें भी इस बात का अहसास था कि आजाद भारत भविष्य में प्रगति की ओर अग्रसर होना चाहिये। उनकी भावना थी कि हर व्यक्ति प्रगति करे। उनकी यही भावना थी कि देश में गरीबी ना रहे और शांति के साथ हम तिरंगे की भावना के अनुरूप कार्य कर आंतरिक समस्याओं के समाधान में अपना योगदान देशसेवा के माध्यम से देते रहें। क्या हम सभी ऐसा कर पा रहे हैं? इस सच्चाई की तह में सभी को जाने की जरूरत है। हमें अपने भोपाल, मध्यप्रदेश तथा देश को और अधिक आत्मनिर्भर, प्रगतिशील एवं शांतिप्रिय बनाना है। इस दिशा में सभी को अपना योगदान देना होगा। राजनीति और विवादों से हटकर हम सभी को साम्प्रदायिकता को जड़ से खत्म करना है।
आईये! हम सभी मिलकर आजादी की पूर्व बेला में अपने राष्ट्रीय ध्वज को ’सैल्यूट’ करने के साथ आजादी के मतवालों की इच्छाओं को पूरा करने में अपना जीवन अर्पित करने की दिशा में जुट जाएं, जयहिंद।
------------------
लेखक एवं प्रस्तुति
प्रखर वक्ता और भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी
|
|
|