लोकसभा में विधेयक पारित--पेपर लीक करने वाले अब
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लोकसभा में विधेयक पारित--पेपर लीक करने वाले अब 10 वर्ष के लिए अंदर होंगे
नयी दिल्ली- लोकसभा ने आज सर्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024् पारित कर दिया, जिसका उद्देश्य यूपीएससी, एसएससी आदि भर्ती परीक्षाओं और एनईईटी, जेईई और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं में लीक, कदाचार के साथ-साथ संगठित कदाचार पर अंकुश लगाना है। अब पेपर लीक करने वाले 10 साल के लिए जेल की सलाखों के पीछे रहेंगे। उन पर एक करोड़ का जुर्माना भी लग सकता है।
यह कानून राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) गुजरात में कनिष्ठ क्लर्कों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं को रद्द करने और प्रश्नपत्र लीक के बाद आया है। विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षा प्रणालियों में अधिक पारदर्शिता निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इससे जुड़ा विधेयक द पब्लिक एक्जामिनेशंस (प्रिवेंशन आफ अनफेयर मीन्स) बिल, 2024 लोकसभा में पेश किया था। जिसमें प्रावधान है कि यदि कोई परीक्षाओं में गड़बड़ी करता है तो उसे 10 वर्ष की सजा और एक करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा। इस फैसले के बाद कई छात्र नकल को लेकर भी असमंजस में थे, जिसपर मंगलवार को जितेंद्र सिंह ने स्थिति को साफ करते हुए कहा कि छात्र और प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए प्रस्तावित कानून के दायरे में नहीं होंगे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि परीक्षाओं से जुड़ी किसी भी तरह की गडबड़ी में शामिल होने वालों को अब सख्त सजा मिलेगी, जिसमें अधिकतम 10 वर्ष की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है। वहीं, यदि पेपर लीक व नकल सहित परीक्षा से जुड़ी गड़बड़ियों में संस्थान या परीक्षा कराने वाली एजेंसी शामिल पाई जाती है तो उससे उस परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।
(updated on 6th feb 24)
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