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बच्चों द्वारा झंडे लगाने से लेकर रैली इत्यादि पर चुनाव
बच्चों द्वारा झंडे लगाने से लेकर रैली इत्यादि पर चुनाव आयोग हुआ सख्त-चुनाव के दौरान बच्चों को शामिल किया तो कार्रवाई


निर्वाचन आयोग ने चुनाव संबंधी गतिविधियों में बच्चों के सीधे शामिल होने के संबंध में कड़े दिशा-निर्देश जारी किये हैं। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को सलाह दी है कि वे पोस्टर, प्रचार सामग्री, रैलियों और चुनावी बैठकों सहित किसी भी प्रकार के चुनाव अभियान में बच्चों को शामिल न करें। कहा गया है कि अपने अधिकार क्षेत्र में चुनाव आयोग द्वारा इन प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन पर गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

आयोग ने इस प्रकार के किसी भी मामले में कतई बर्दाश्त न करने की नीति का स्पष्ट निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि राजनीतिक नेता और उम्मीदवारों को अपनी प्रचार गतिविधियों के लिए बच्चों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसमें बच्घ्चों के हाथ में हथियार देकर, रैली में या वाहन में बच्घ्चों को पकडकर प्रचार नहीं करना भी शामिल है।

इसमें कहा गया है कि किसी भी नेता के साथ बच्चे के अपने माता-पिता की उपस्थिति में चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल होने को दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से बाल श्रम निषेध और विनियमन अधिनियम का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।(updated on 6th feb 24)
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