|
मसूरी में सिविल सेवकों के लिए दूसरा क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू
|
नयी दिल्ली -राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) द्वारा श्रीलंका के वरिष्ठ सिविल सेवकों के लिए आयोजित दूसरा क्षमता निर्माण कार्यक्रम आज मसूरी में शुरू हुआ। कार्यक्रम 8 मार्च, तक आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के 40 वरिष्ठ सिविल सेवा अधिकारी भाग ले रहे हैं, जो निदेशक, उप निदेशक, नगरपालिका सचिव, मंडल सचिव, सहायक मंडल सचिव, उपायुक्त, उप भूमि आयुक्त, प्रांतीय निदेशक, सहायक मुख्य सचिव, प्रांतीय खेल निदेशक सहित अन्य दायित्वों के अंतर्गत काम कर रहे हैं।
श्रीलंका के वरिष्ठ सिविल सेवकों के पहले समूह ने 12 से 17 फरवरी, 2024 तक राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) का दौरा किया। 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंका के प्रधानमंत्री के सचिव अनुरा डिसनायका ने किया। सुशासन के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीजीजी) भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक नीति और शासन दोनों में अनुसंधान, अध्ययन और क्षमता निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक और प्रशासन सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के परिचालन ढांचे और इस केंद्र के गठन के बाद से हासिल की गई पर्याप्त प्रगति का परिचय दिया।
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में 17 देशों-बांग्लादेश, केन्या, तंजानिया, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका, अफगानिस्तान, लाओस, वियतनाम, नेपाल, भूटान, म्यांमार, इथियोपिया, इरेट्रिया और कंबोडिया के सिविल सेवकों को प्रशिक्षण दिया है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख डॉ. एपी सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. मुकेश भंडारी, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) की समर्पित टीम द्वारा की जाएगी।
(updated on 26th feb 24)
----------------
|
|