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इंदौर और मनमाड के बीच नई रेल लाइन को मंजूरी
आने वाले वक्त में इंदौर और उज्जैन रेलवे के माध्यम से मंुबई-मनमाड से अतिरिक्त नयी रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा। कैबिनेट समिति ने इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी है। इसका फायदा उज्जैन को भी मिलेगा जहां धार्मिक पर्यटक लाखों की संख्या में महाराष्ट्र से पहुंचते हैं। इसके साथ ही व्यवसायिक स्तर तथा कृषि क्षेत्र में भी इस रेलवे लाइन के बीच के स्टेशन वाले शहरों को इसका लाभांश मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय लगभग 18,036 करोड़ रुपये की कुल लागत से इस परियोजना को लागू करेगा। इंदौर और मनमाड के बीच नई लाइन भारतीय रेलवे के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ाएगी। यह परियोजना दो राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के छह जिलों को कवर करती है, और मौजूदा भारतीय रेलवे के नेटवर्क को लगभग 309 किलोमीटर तक बढ़ाएगी। इस परियोजना से 30 नए स्टेशन बनेंगे, जिससे बड़वानी से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नई लाइन परियोजना से करीब 1,000 गांवों और करीब 30 लाख की आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी। सीसीईए के बयान में कहा गया है कि यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत आती है , जिसे एकीकृत योजना के जरिए संभव बनाया गया है। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

यह परियोजना देश के पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों और मध्य भारत के बीच एक छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन- इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। यह परियोजना पीथमपुर ऑटो क्लस्टर को भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिसमें 90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग हैं, जो उन्हें जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से जोड़ते हैं। इसके अतिरिक्त, यह मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को जोड़ेगा, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी भागों में इन उत्पादों का वितरण आसान हो जाएगा। यह कृषि उत्पादों, उर्वरकों, कंटेनरों, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और पीओएल (पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक) जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) अतिरिक्त माल यातायात होगा। उन्होंने कहा, कैबिनेट बैठक में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए 7 बड़े फैसले लिए गए हैं। पहला है डिजिटल कृषि मिशन। इसे कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। कुछ अच्छे पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं और हमें सफलता मिली है। उसी के आधार पर 2,817 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ डिजिटल कृषि मिशन की स्थापना की जाएगी।(UPDATED ON 2ND SEPTMBER 2024)

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