जनजातियों की कला भारत की समृद्ध धरोहर का जीवंत
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जनजातियों की कला भारत की समृद्ध धरोहर का जीवंत उदाहरण
नयी दिल्ली - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में वार्षिक जनजातीय- आदि महोत्सव का उद्घाटन किया। आज नई दिल्ली के मेजर यान चन्घ्द स्टेडियम में, वार्षिक राष्घ्ट्रीय जनजातीय महोत्सव के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति और विरासत का अनूठा संगम है। उन्होंने कहा कि जनजातियों की भाषा, कलाकृतियां, व्यंजन, संस्कृति और पारंपरिक कला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण हैं। राष्घ्ट्रपति ने इसे गर्व का विषय बताया कि एक हजार से अधिक कारीगर इस महोत्सव में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी की आवश्यकता और वंचित वर्ग के उत्थान पर जोर दिया।
इस अवसर पर जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने जनजातीय समुदाय के विकास के लिए सरकार की समावेशी नीतियों की सराहना की। महोत्घ्सव में तीन सौ से अधिक स्घ्टॉल लगाए गए हैं जिनमें जनजातीय कला, हस्तशिल्प, प्राकृतिक उत्घ्पाद और जनजातीय व्यंजन प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इनके अलावा, देशभर के करीब हजार कारीगर भी इस महोत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। महोत्सव में प्रवेश निःशुल्क है और लोग सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक इसमें जा सकते हैं।
(UPDATED OIN 10TH FEB 24)
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