अधिकांश राज्यों ने बाजी मारी, मध्यप्रदेश रहा फिसड्डी
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जल संरक्षण क्षेत्र में विभिन्न पुरस्कारों में मध्यप्रदेश पिछड़ा,बेस्ट जोन में मात्र इंदौर को अवार्ड
नयी दिल्ली। देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ठीक दो दिन बाद 22 अक्टूबर को नयी दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय के तहत सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ विद्यालय या महाविद्यालय, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्थान (विद्यालय या महाविद्यालय के अलावा) और सर्वश्रेष्ठ नागरिक समाज के पुरस्कार प्रदान करेंगी तो उसमें मध्यप्रदेश कहीं नहीं दिखायी पड़ेगा। हॉ! इतना अवश्य है कि मध्यप्रदेश के बेस्ट जोन इंदौर को जल संसाधान,नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के अंतगर्त अजनार, बालम, चोरल, करम, मोरल, पातालपानी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में किए गए कार्य जिनमें 366 वृक्षारोपण, 216 जल संचयन 60 पुनर्भरण संरचनाएं, 90 वाटरशेड उपचार, 814 जल एवं मृदा संरक्षण,बालम नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 5 अमृत सरोवर, 4 खेत तालाब, 5 चेक डैम और 30 गैबियन संरचनाएं पूरी करने का अवार्ड मिलेगा।
जल शक्ति मंत्रालय की ओर से आज उपरोक्त श्रेणियों के तहत पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्यों में मध्यप्रदेश अपना स्थान नहीं बना पाया। इसी प्रकार बेस्ट ग्राम पंचायत स्तर पर भी मध्यप्रदेश नामाकूल साबित हुआ। इसी प्रकार बेस्ट शहरी स्थानीय बाडी क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश को जगह नहीं मिल पाई। इसी प्रकार बेस्ट स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी मध्यप्रदेश को निराशा हाथ लगी। इतना ही नहीं सर्वश्रेष्ठ इंडस्ट्री,बेस्ट वॉटर यूजर एसोसिएशन, बेस्ट इंस्टीट्यूशन(उच्च शिक्षा) और यहां तक कि बेस्ट सिविल सोसायटी वाले राज्यों में भी मध्यप्रदेश को कोई जगह नहीं मिल पाई। इन श्रेणियों में राजस्थान, दक्षिण भारत के कई राज्यों, नार्थ ईस्ट, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और उड़ीसा को सर्वाधिक कुल 38 अवार्ड के लिए चुना गया जिन्हें राष्ट्रपति सम्मानित करेंगी।
हालांकि मध्यप्रदेश की लाज बचाने में काफी हद तक बेस्ट जोन क्षेत्र में इंदौर का योगदान रहा जहां नागरिकों द्वारा अपने स्वयं के खर्च पर 1 लाख घरों की छतों पर रूफ टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं और जल स्तर का आकलन करने के लिए 10 स्थानों पर पीज़ोमीटर स्थापित किए गए हैं और सभी छत रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं को जियो-टैग भी किया गया है। लगभग 420 खेत तालाब, 180 परकोलेशन टैंक, 100 निस्तारी टैंक और 190 चेक डैम का निर्माण किया गया है। इसके अलावा, लगभग 25,500 हेक्टेयर क्षेत्र को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों के तहत लाया गया है, जिससे लगभग 16,000 किसानों को लाभ हुआ है। ज़िला। हरियाली महोत्सव के दौरान 20 लाख पौधे लगाये गये हैं। इंदौर शहरी क्षेत्र में कुल मिलाकर 2.55 लाख पौधे लगाये गये हैं। (UPDATE4D ON 21ST OCT 24)
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