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-सांसदों संग ’’लंच डिप्लोमेसी’’
-सांसदों संग ’’लंच डिप्लोमेसी’’ से मोदी ने दिये नये संदेश


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनता से लेकर राजनीतिज्ञों के बीच नये-नये संदेश अपनी कार्यपद्धति से लगातार देते आ रहे हैं। राष्ट्रीय दिवस पर वह जनता के बीच पहुंचते हैं तो मन की बात और बच्चों से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों से जुड़ते चले आ रहे हैं। इसी प्रकार चाहे जन धन योजना हो, किसान मसले हों या महिलाओं के मसलों पर सीधी बात कर लोकप्रियता प्राप्त कर चुके हैं। आज वह संसद की कैंटिन में पहुंचे और कई सांसदों जिनमें विपक्ष मुख्य रूप से शामिल था के साथ लंच किया और यह संदेश देने का प्रयास किया कि एक पीएम सभी का पीएम होता है। संभवत देश के इतिहास में कोई प्रधानमंत्री पहली बार संसद की कैंटीन में बैठकर सांसदों के साथ ’’लंचिन मिटिग’’ कर 17वीं लोकसभा के पांच साल के दौरान के कड़वे क्षणों को दूर करने का प्रयास कर रहा था।

बताया गया कि कई सांसदों को दोपहर ढाई बजे इस अनौपचारिक लंच की सूचना मिली। प्रधानमंत्री जब कैंटीन में पहुंचे तो सांसदों से कहा मेरे साथ चलिए, आपको सजा नहीं दूंगा। प्रधानमंत्री के साथ लंच में भाजपा सांसद हिना गावित, एस फेंगनोन कोन्याक, जामयांग नाम्ग्याल, एल मुरुगन, सांसद राम मोहन नायडू, बसपा सांसद रितेश पांडे और सांसद सस्मित पात्रा मौजूद थे। प्रधानमंत्री और सांसदों की यह लंच मीटिंग करीब 45 मिनट चली। इस दौरान सांसदों ने प्रधानमंत्री से उनकी लाइफ स्टाइल के बारे में सवाल किया। सवाल पूछे कि वो उठते कब हैं, इतने बिजी शेड्यूल को मैनेज कैसे करते हैं।

पीएम और सांसदों ने चावल, दाल, खिचड़ी, रागी और तिल के लड्डू खाए। लंच के बाद प्रधानमंत्री ने पीएमओ को लंच का बिल पे करने को कहा। लंच में मौजूद एक सांसद ने बताया कि ये बिल्कुल अनौपचारिक लंच था। ऐसा लगा ही नहीं कि हम लोग प्रधानमंत्री के साथ बात कर रहे हैं। ये बहुत अच्छा अनुभव था। प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ अपने विदेश दौरों, नवाज शरीफ के साथ मुलाकात, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, अबु धाबी के मंदिर के बारे में बात की। अबुधाबी में पहले मंदिर की नींव 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने ही रखी थी। 14 फरवरी को वे इसका उद्घाटन करेंगे।
(UPDATED ON 9TH FEBRUARY 2024)
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