ओलम्पिक में गोल्ड सहित मिले तीन पदक, बना रिकार्ड
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पेरिस पैरालंपिक 2024 में दूसरे दिन भारत का शानदार अंदाज में खाते खुलते गए। भारत की झोली में एक साथ 3 मेडल आ गए हैं। स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाल दिया है। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 फाइनल इवेंट में गोल्ड मेडल पर निशाना लगाया। वहीं, मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। एक ही इवेंट में 2 मेडल जीतकर भारत के पैरा एथलीट ने पेरिस पैरालंपिक में शानदार आगाज किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर तीनों खिलाड़ियों को शाबासी दी।
भारत को पेरिस पैरालंपिक 2024 में तीसरा मेडल प्रीति पाल ने दिलाया है। उन्होंने 100 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 23 साल की प्रीति ने महिलाओं की 100 मीटर टी-35 फाइनल में तीसरे स्थान पर रहीं। इसके साथ ही वह पैरालंपिक गेम्स में ट्रैक स्पर्धा में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं।
इससे पहले अवनी लेखरा ने क्वालिफिकेशन राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए फाइनल का टिकट हासिल किया था। अवनी क्वालिफिकेशन राउंड में 625.8 के स्कोर के साथ दूसरा स्थान पर रहीं थी और पैरालंपिक रिकॉर्ड से चूक गई थी। उनका स्कोर पैरालंपिक रिकॉर्ड से केवल 0.2 प्वाइंट कम था। वहीं, मोना 623.1 के स्कोर के साथ पांचवें नंबर पर रहीं थी।
प्रीति ने महिलाओं की 100 मीटर (टी35) स्पर्धा में 14.21 सेकंड के पर्सनल बेस्ट समय के साथ मेडल अपने नाम किया। चीन की झोउ जिया गोल्ड जीतने में कामयाब रही जबकि उन्हीं की हमवतन गुओ कियानकियान ने सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया। झोउ ने 13.58 सेकंड का समय निकाला। वहीं गुओ ने 13.74 सेकेंड का समय लिया। प्रीति का ब्रॉन्ज मेडल पेरिस पैरालंपिक की पैरा एथलेटिक्स में भारत का पहला मेडल है। बता दें, पैरालंपिक गेम्स में ज्35 कैटेगिरी उन पैरा एथलीट के लिए होती है जिनको समन्वय संबंधी विकार जैसे हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस तथा मस्तिष्क पक्षाघात आदि होते हैं। (updated on 30th August 24)
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