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-युवा पीढ़ी को अतीत से परिचित कराना जरूरी है

हम सभी देश की आजादी का 75 वां वर्ष मनाने जा रहे हैं। बीते वर्षों में हमने कितनी प्रगति की? क्या खोया और क्या पाया इसका अवलोकन देश के विकास के लिए जरूरी है। देश में आतंकवाद, जबरिया धर्म परिवर्तन और पाकिस्तान से सहानुभूति रखने के कारण हिंदुस्तान का मुस्लिम ’हाशिये’ पर क्यों जा रहा है विषय से अलग हटकर देश के विकास के संदर्भ में मध्यप्रदेश के होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य उदयप्रताप सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए।
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किसी भी देश में युवा पीढ़ी का सर्वाधिक महत्व होता है। युवा पीढ़ी को जो सिखाया, पढ़ाया और समझाया जाकर अतीत से परिचित कराया जाता है वही तथ्य और बातें उनके मस्तिष्क में जड़वत हो जाती हैं और वो उन्हीं के अनुसार अपना रास्ता चुनता हैं। इसी क्रम में तिरंगा यात्रा है जिसमें देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने एक बीड़ा उठाया है। वह देश को लगातार ’विजन’ दे रहे हैं राष्ट्र के प्रति भक्ति और समर्पण का। तिरंगा यात्रा उसी का एक बड़ा हिस्सा है। वह चाहते हैं कि हमारी जो नौजवान पीढ़ी है उसे यह अहसास कराया जाए कि ’’तिरंगा’’ कपड़े का एक टुकड़ा मात्र नहीं है बल्कि उसमें लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं और आजादी का इतिहास भी है। 13 से 15 अगस्त को हर घर तिरंगा फहराने के पीछे भावना यही है कि देश के प्रति भक्ति का भाव जहां कम है वहां और अधिक मजबूत हो और जहां नहीं है वहां उसका बीजारोपण हो।

मैं कहना चाहूंगा कि युवा पीढ़ी को 1947 के पूर्व की जानकारी देना भी इस विजन का उद्देश्य है। इस तिरंगे में स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाएं समाहित हैं। उन्होंने जो कल्पना देश के प्रति की थीं उन्हें पूरा करने का विजन भी इस तिरंगा यात्रा में शामिल है। हम उन स्वतंत्रता सेनानियों की कल्पनाओं को कैसे साकार करेंगे जिन्होंने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। इस अतीत की जानकारी युवा पीढ़ी को देने की आवश्यकता है। आजाद भारत में और विशेषकर 90 के दशक के बाद जिन लोगों ने इस धरा पर जन्म लिया उन्हें आजादी के संग्राम और हालात से परिचित कराने की नितांत जरूरत है। उन्हें यह बताने की जरूरत है कि देश किन विषम परिस्थितियों में आजाद हुआ। आज 75वें साल में देश और युवा पीढ़ी जो भारत देख रही है उसके पीछे का दर्द कितना है यह इस पीढ़ी को जानना जरूरी है क्योेंकि आने वाला वक्त उन्हीं का है। उन्हें ही आगे बढ़ना है। इस युवा पीढ़ी को अतीत का वृतांत स्मरण करना जरूरी है। क्योंकि हर पीढ़ी आने वाली पीढ़ी को जो सीख और समझायश तथा हालात बताती है उसी के सहारे अगली पीढ़ी अपने अतीत के साथ भविष्य की ओर बढ़ती है। बेहतर, सुखद और सुनहरा भविष्य उन्हीं के साथ होता है जिनके साथ अतीत होता है। मोदीजी यही प्रयास कर रहे हैं और इस बार 75 वें साल में उन्होंने यह एक विजन देश के सामने रखा है। स्वतंत्रता दिवस तो हर साल मनाया जाता है लेकिन इस बार का स्वतंत्रता दिवस आने वाले वर्षों के लिए सुनहरे भविष्य की इबारत लिखेगा यह मुझे पूरा विश्वास है। सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं और बधाई। जय हिन्द।