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केंद्रीय संस्कृत विवि ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने में
केंद्रीय संस्कृत विवि ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने में अपनी पहचान बनाई है

नयी दिल्ली-केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने संस्कृत के साथ ही साथ सभी भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता और राष्ट्रभाषा का दर्जा देकर एक नई परिपाटी की शुरुआत करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया। श्री प्रधान ने बताया कि यहां शुरू की जा रही 100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उपयोग भारतीय भाषाओं और वेदों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए किया जाएगा

श्री प्रधान ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री सदाशिव परिसर, पुरी, ओडिशा में शैक्षणिक प्रशासनिक भवन तथा लड़कियों और लड़कों के छात्रावास भवन, क्वार्टर और खेल सुविधाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने परिसर में बलराम दास का लक्ष्मी पुराणः समानता, सशक्तिकरण और मोक्ष पर एक नया विमर्श शीर्षक से तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का भी उद्घाटन किया।

इस समारोह में कुलपति, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, प्रोफेसर श्रीनिवास वरखेड़ी; निदेशक, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री सदाशिव परिसर, पुरी, प्रो. अतुल कुमार नंदा; पूर्व कुलपति, राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरूपति, प्रो. हरेकृष्ण सतपथी; अन्य शिक्षाविद्, गणमान्य व्यक्ति, विद्वान और छात्र भी उपस्थित थे। समारोह के दौरान लक्ष्मी पुराण के संस्कृत अनुवाद का भी विमोचन किया गया।
(UPDATED ON 19TH NOVE 23)