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मां ब्रह्मचारिणी
हिंदू पंचांग के अनुसार 4 अक्टूबर 2024 को शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनकी पूजा करने से व्यक्ति में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है.

इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। मां ब्रह्मचारिणी को तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। उनके दाहिने हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है। मां ब्रह्मचारिणी को दूध, चीनी और पंचामृत का भोग लगाना काफी शुभ बताया गया है।

पंचामृत एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है श्पांच अमृतश्। पंचामृत का उपयोग हिंदू धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। ये खासतौर पर पांच तत्वों से मिलकर बना होता है, जो निम्नलिखित हैं।

वहीं, पूजा के दौरान मां की भव्य आरती जरूर करनी चाहिए, क्योंकि इसके बिना मां की पूजा अधूरी होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार द्वितीया तिथि की शुरुआत 4 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन 5 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर होगा.