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जीवन के उतार-चढ़ाव पक्ष को रखा ने
जीवन के उतार-चढ़ाव पक्ष को रखा ने राष्ट्रपति ने रेडियो दिवस पर


नयी दिल्ली -राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने जन्मस्घ्थान ओडिसा के रायरंगपुर से राष्ट्रपति भवन तक की अपनी यात्रा की कहानी केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के साथ खास बातचीत नई सोच, नई कहानी-ए रेडियो जर्नी विद स्मृति ईरानी के समापन एपिसोड में साझा की है। एक घंटे के इस कार्यक्रम को राष्घ्ट्रपति भवन में रिकॉर्ड किया गया है। इस विशेष एपिसोड का प्रसारण विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर आज सवेरे नौ बजे किया गया।

राष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम में बचपन से लेकर सार्वजनिक नेतृत्घ्व तक के अपने अनगिनत अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने अपने विद्यालय के एक शिक्षक द्वारा अपने नामकरण से जुड़ी कहानी भी बड़े चाव से सुनाई है। राष्ट्रपति ने अपनी शिक्षा-दीक्षा, नौकरी और राजनीतिक यात्रा को भी गहराई से याद किया। उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में लोगों से मिलने-जुलने के अनुभव भी साझा किए हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने इस कार्यक्रम में ऐसी यादें भी साझा की हैं, जिनमें उन्होंने बताया कि साधारण जनजातीय महिला के रूप में उनको किस तरह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उन्होंने अपनी दृढ़ता, समर्पण और लगन से देश सेवा के लक्ष्घ्य को हासिल किया। राष्ट्रपति ने उस ऐतिहासिक दिन को भी याद किया है, जब वे पहली बार राज-दंड सेंगोल के साथ नए संसद भवन पहुंची। उन्होंने सेंगोल को सत्य, न्याय, अहिंसा और धर्म का प्रतीक बताया। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान- पीएम जनमन जैसी योजनाओं के लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय समुदाय की आबादी और उसमें विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों का कल्याण है।
(updated on 13th feb 24)